न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): राजधानी दिल्ली की सीमओं पर नए कृषि काननों के खिलाफ किसान भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे है। इसी बीच खबर आ रही है कि लगभग 10,000 किसान, दिल्ली की सीमओं पर पहले से प्रदर्शन कर रहे किसानों का साथ देने के लिए, राजस्थान से कूच कर चुके है। राजस्थान के किसान लगातार आगे बढ़ रहे है।
राजस्थान के सैकड़ों किसानों को आगे जाने से रोकने के लिए पुलिस ने रविवार को दोपहर करीब 1.45 बजे, जयसिंह खेड़ा में दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (Delhi-Jaipur national highway) पर यातायात रोक दिया था।
अलवर प्रशासन ने बहरोड़-तातारपुर-खैरथल मार्ग (Behror-Tatarpur-Khairtal route) से यातायात को मोड़ दिया। राजमार्ग पर फंसे वाहनों की लाइन 10 किमी तक फैल गई। अधिकारियों के अनुसार, 3.5 घंटे के बाद दिल्ली से आने वाले वाहनों के लिए सीमा को खोला गया था।
राजस्थान के एक किसान कार्यकर्ता अमरा राम ने कहा, “हमने राजमार्ग को अवरुद्ध नहीं किया है। हम बस दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि सरकार हमारी बात सुन सके।
सिंघू बॉर्डर पर मोगा निवासी गुरनाम सिंह, जिन्होंने अपने पूरे परिवार को वहां डेरा डालने के लिए बुलाया है, ने कहा कि “अगर जरुरत पड़ी तो हम यहाँ महीनो तक भी रुक सकते है। अगर सरकार को लगता है कि हम यहां भूखे मरेंगे, तो वे गलत हैं। हम में से प्रत्येक एक योद्धा है और एक योद्धा की तरह ही लड़ेगा।
एक अन्य प्रदर्शनकारी, जो पहले ही दिन से वहां है, ने कहा कि 2,000 ट्रैक्टर ट्रॉलियां जिसमें एक ट्राली में कम से कम चार लोगों को लेकर सिंघू बॉर्डर की ओर आ रही है। दिल्ली में रहने वाले गगनप्रीत सिंह, जो प्रदर्शनकारियों को खाना परोस रहे हैं, ने कहा कि उन्होंने सोमवार को अपने दोस्तों से इसमें शामिल होने के लिए कहा था।
एक और प्रदर्शनकारी किसान मन्नत सिंह ने कहा कि “मैं किसानों के परिवार से आता हूं और हमेशा अपने अधिकारों के लिए खड़ा रहूंगा,” उन्होंने यह भी कहा कि हमारी योजना राजधानी के हर प्रवेश बिंदु को ब्द्धलॉक करने की है।
उन्होंने कहा, “हम दिल्ली के भीतर की सड़कों को भी जाम करने का प्रयास करेंगे। ऐसा नहीं है कि हम लोगों को कोई असुविधा पैदा करना चाहते हैं; हम बस इतना चाहते हैं कि हमारे विरोध पर ध्यान दिया जाए। “दिल्ली यातायात पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों को विरोध के बारे में पता है जिसके चलते उन्होंने अतिरिक्त तैनाती की योजना बनाई है।
“हरियाणा में आने-जाने के लिए खुली सीमाएँ झारोदा (Jharoda), दौराला (Daurala), कापसहेड़ा (Kapashera), बदुसराय (Badusarai), राजोकरी (Rajokri), NH8, बिजवासन (Bijwasan), बजघेरा (Bajghera), पालम विहार (Palam Vihar) और डूंडाहेरा (Dundahera) हैं। टिकरी (Tikari) और ढांसा सीमाएँ (Dhansa border) फिलहाल यातायात के लिए बंद की गई हैं।
नौ वर्षीय मणिपुर जलवायु कार्यकर्ता लाइसिपरिया कंगुजम (Licypriya Kangujam) सिंघु बॉर्डर पर किसानों का समर्थन करने पहुंचे, ने कहा कि “हमारे किसान जलवायु परिवर्तन के सबसे बड़े शिकार हैं। सरकार को जल्द से जल्द किसान संकट का समाधान करना चाहिए।”
स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव (Swaraj India chief Yogendra Yadav) और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर (Medha Patkar) उन लोगों में से थे जो शाहजहाँपुर में उस स्थल पर पहुँचे जहाँ हरियाणा पुलिस ने राजस्थान के प्रदर्शनकारियों को रोका है। यादव ने कहा कि “यह अजीब है कि केंद्र किसानों को ‘ऐतिहासिक उपहार’ स्वीकार करने के लिए मजबूर कर रहा है जो अवांछित है। पीएम को इस बारे में सोचने और नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की जरूरत है।
दिल्ली की ओर मार्च करने वाले अधिक किसानों को रोकने के लिए रेवाड़ी पुलिस द्वारा लगभग 400 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। पंजाब (Punjab) में, किसान यूनियन सोमवार को सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों के कार्यालयों, रिलायंस समूह के शॉपिंग मॉल और ईंधन पंपों के बाहर और भाजपा पदाधिकारियों के घरों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बीकेयू (क्रांति) के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल (Surjeet Singh Phul) ने कहा कि रविवार को प्रदर्शनकारी संगठनों के नेताओं ने कहा कि वे प्रदर्शन स्थलों पर एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे। बीकेयू (कादियां) जिला बरनाला के अध्यक्ष जगसीर सिंह ने रविवार को सिंघू सीमा पर अपनी बेटी का पहला जन्मदिन मनाया।