न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): COVID-19 की फाइजर वैक्सीन (Pfizer Vaccine) की पहली खुराक का टीका लगाने के कुछ दिनों बाद नॉर्वे में 23 लोगों की मौत हो गई। उनमें से 13 नर्सिंग होम के मरीज थे और वैक्सीन के दुष्प्रभाव के कारण कथित तौर पर उनकी मृत्यु हो गई थी।
नॉर्वेजियन मेडिसिन एजेंसी (Norwegian Medicines Agency) के एक मुख्य चिकित्सक के अनुसार, कमजोर और नाजुक रोगी बुखार और मतली (nausea) जैसी सामान्य बिमारियों से ग्रस्त हैं।
गौरतलब है कि कथित तौर पर नर्सिंग होम में वैक्सीन के कारण मारे गये लोगो में 13 मरीज़ कम से कम 80 साल के थे। इसलिए यह सवाल उठाता है कि टीका किसे दिया जाना चाहिए?
COVID-19 टीके, फाइजर और माडर्ना (Pfizer and Moderna) में थोड़ा जोखिम होता है, लेकिन यह पूर्ण रूप से टिके का फेलियर नही है, कुछ प्रभाव व्यक्ति के शरीर अनुरूप भी निर्भर करता है हैं। टीके के कारण कुल 29 लोगों पर दुष्प्रभाव पड़ा और उनमें से 13 लोगों की मृत्यु हो गई। 13 रोगियों के अलावा, नौ अन्य लोगों को तेज बुखार और एलर्जी जैसी गंभीर दुष्प्रभाव थे, जबकि सात अन्य पर गंभीर दुष्प्रभाव कम थे।
नॉर्वे में, पिछले महीने से कम से कम 30,000 लोगों को फाइजर या मॉडर्न का पहला शॉट मिला है।