26/11 Mumbai attack – कुछ याद उन्हें भी कर लो….

अजमल कसाब और उसके साथियों ने 26/11 Mumbai attack हमले से कुछ दिन पहले एक नाव पर कब्ज़ा कर लिया था! नाव गुजरात के पोरबंदर निवासी हीरालाल मसानी की थी! उसी नाव की मदद से अजमल कसाब (Ajmal Kasab) अपने साथियों सहित मुंबई के कोलाबा तट पर पहुंचा था!

]नरेंद्र मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे और केंद्र में मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के नेतृत्व वाली UPA सरकार थी!

26 नवंबर 2008! मुंबई में अजमल कसाब और उसके साथी मौत बरसा रहे हैं! रेलवे स्टेशन, अस्पताल, होटल, सड़क-हर जगह मौत का तांडव चल रहा है! बच्चे, बूढ़े, औरतें, बीमार किसी को नहीं छोड़ रहे!

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस हमले में 9 आतंकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए और लगभग डेढ़ सौ लोग घायल हुए! हताहत होने वालों में विदेशी सैलानी भी थे!

(इजराइल वाला Baby Moshe याद है? जिसे गोद में लेकर बेंजामिन नेतन्याहू भारत आया था और नेतन्याहू और मोदीजी उसको प्यार दुलार दे रहे थे!! उसके माँ बाप इसी हमले में मारे गए थे)

इन मृतकों में महाराष्ट्र ATS चीफ हेमंत करकरे भी थे!
(वही हेमंत करकरे, जिनको भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ने शाप दे दिया था)

खैर…
मुठभेड़ जारी है! मुंबई पुलिस केंद्र सरकार से NSG कमांडो की मांग करती है ताकि ताज होटल को आतंकियों से मुक्त कराया जा सके!

इसी दरम्यान देश की जनता की नजर देश के गृहमंत्री शिवराज पाटिल पर पड़ती है! वे अब तक तीन बार कोट बदल चुके हैं! काफी आलोचना होती है और महीनों बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ता है!

28 नवम्बर 2008! गुजरात नरेंद्र मोदी मुंबई पहुँचते हैं और ओबेरॉय होटल के सामने मीडिया को सम्बोधित करते हैं! प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आड़े हाथों लेते हैं और हमले में मारे गए सुरक्षाकर्मियों को 1-1 करोड़ की आर्थिक मदद देने का एलान भी करते हैं!

(वो बात अलग है कि आज के नमूने हमें सिखाते हैं कि ऐसे नाजुक मौकों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और आपको अपने प्रधानमंत्री के साथ खड़े होना चाहिए)

….और हमारी महान मीडिया क्या कर रही थी?

पूरे ऑपरेशन को लाइव कवर कर रही थी जिसका सीधा फायदा अजमल कसाब और उसके साथियों को हो रहा था! गोली बरसा रहे आतंकियों के मास्टर पाकिस्तान में बैठे सबकुछ लाइव देख रहे थे और सैटेलाइट फोन से इधर उनको गाइड कर रहे थे!

उस खौफनाक मंजर को याद करते हुए महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने लिखा था…मैं रात भर अपने तकिये के नीचे पिस्तौल रखकर सोया! बेचारे आजकल अपने ट्वीट्स के नम्बर ही भूल जाते हैं!

29 नवम्बर सुबह आठ बजे ऑपरेशन खत्म हुआ! नौ आतंकी मारे गए! अजमल कसाब जिन्दा पकड़ा गया!

उसे पुणे की यरवडा जेल में हाई सिक्योरिटी में रखा गया! वही उसपर ट्रायल हुआ और चार साल बाद, 21 नवम्बर 2012 को उसे फांसी दे दी गयी!

सरकार की तरफ से जो सरकारी वकील नियुक्त किया गया था, उनका नाम था- एडवोकेट उज्ज्वल निकम!

आतंकी अजमल कसाब को जेल में बिरयानी खिलायी जाती है, ये अफवाह इन्होंने ही उड़ायी थी! पूरे देश में सन्देश गया कि केंद्र की मनमोहन सरकार जेल में आतंकियों को बिरयानी खिलाती है! …और निकम साहब बात अच्छी तरह जानते थे!

मौजूदा सरकार ने निकम साहब को पुरस्कृत भी किया! 2016 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया!बिरयानी वाली बात का बात का खंडन खुद निकम साहब ने 2016 में किया था!

ऑपरेशन खत्म होने के बाद किसी ने नरेंद्र मोदी को देशद्रोही नहीं कहा! जबकि नाव उन्ही के राज्य के मछुवारे की थी, जिससे आतंकी मुंबई आये थे!

उज्जवल निकम से भी किसी ने नहीं पूछा कि आप झूठ क्यों बोले?

आज जब पठानकोट, उरी, गुरदासपुर, पुलवामा के बारे में पूछा जाता है तो पता नहीं कौन कौन से उपनाम दे दिए जाते हैं!

NSG कमांडो के ऑपरेशन को लाइव दिखाकर आतंकियों की मदद करने वाली मीडिया के तो क्या ही कहने!! आजकल उसके यहाँ राष्ट्रवाद ही राष्ट्रवाद छाया हुआ है!

खैर….
NSG के जिन कमांडोज ने 60 घण्टे तक बंधक बनी रही जिस मुंबई को आतंकियों के कब्जे से मुक्त करवाया, मोदी सरकार उन कमांडोज की पेंशन कटौती का ड्राफ्ट तैयार कर रही है!

साभार – कपिल देव

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