नई दिल्ली (प्रियंवदा गोप): Lockdown के कारण केंद्र समेत राज्य सरकारों को राजस्व में भारी घाटा झेलना पड़ रहा है। इंफेक्शन की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार (central Government) बजटीय प्रावधानों पर खासा ध्यान दे रही है। केंद्र और राज्य सरकारें फिलहाल गैरजरूरी खर्चों से बच रही है। आगामी वित्त वर्ष के मद्देनजर केंद्र सरकार की ओर से सभी मंत्रालयों के बजट की सीमा निर्धारित कर दी गई है।
अब कुछेक मंत्रालयों को छोड़कर सभी मंत्रालय तयशुदा सीमा में ही खर्च कर पाएंगे। फिलहाल केंद्र, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of health and family welfare) के बजट में पूरा सहयोग देने का मन बना चुका है। जिसके लिए दूसरी जगहों से कटौती किया जाना लगभग तय है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार केंद्र सरकार के तहत काम करने वाले सभी कर्मचारियों का 1 दिन का पैसा अगले 1 साल तक काटा जाएगा। साथ ही नियमित अंतराल पर सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला महंगाई भत्ता भी अगले वर्ष तक के लिए रोक दिया गया है। कटौती से जमा की गई रकम का इस्तेमाल राहत राशि के तौर पर होगा।
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक खबर काफी तेजी से वायरल होती दिखी, जिसके मुताबिक सभी सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह में 30 फ़ीसदी की कटौती की बात कही गई थी। जिसे सुनकर सरकारी महकमों में काम कर रहे लोगों में हड़कंप मच गया। अफवाह को फैलता देख संसदीय कार्य मामलों के मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह (Dr. Jitendra Singh) को ट्विटर पर स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा। उन्होंने लिखा कि- कृपया मीडिया के एक खास वर्ग द्वारा फैलाई जा रही इस अफवाह को दरकिनार करें। केंद्र की ओर से सरकारी कर्मचारियों के वेतन में किसी भी तरह की कटौती के कोई प्रावधान नहीं है।
कैबिनेट मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के इस ट्वीट के बाद सभी सरकारी महकमों में काम करने वाले मुलाज़िमों ने राहत की सांस ली। गौरतलब है कि बीपीओ, मार्केटिंग और आईटी सेक्टर में काम करने वाले ज्यादातर लोगों की सैलरी में 30 फ़ीसदी कटौती करने की खबरें प्रमुख तौर पर सामने आ रही है।