न्यूज़ डेस्क (समरजीत अधिकारी): देश भर में बढ़ रहे कोरोना इंफेक्शन (Corona infection) के बीच घाटी में दहशतगर्दी थमने का नाम नहीं ले रही है। पुलवामा में आतंकी गतिविधियों (Terrorist activities) में काफी तेजी देखी गई। बीते दो हफ्तों के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की खबरें सामने आई। लॉकडाउन (Lockdown) का फायदा उठाकर आतंकी संगठन (Terrorist organization) लगातार किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में है। सुरक्षाबलों और जम्मू कश्मीर पुलिस (Jammu Kashmir Police) ने आतंकवादियों के नापाक इरादों को एक बार फिर नाकाम कर दिया है। खुफिया जानकारी (Intelligence) के आधार पर पुलवामा में सुरक्षाबलों (Security forces) ने कड़ी घेराबंदी पर एक सेंट्रो कार को रुकवाया, पुलिस को हरकत में आते देख कार सवार ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई करते हुए जॉइंट ऑपरेशन (Joint operation) टीम ने भी कार पर गोलियां बरसाई। इस दौरान कार सवार आतंकी भागने में कामयाब रहा।
जांच के दौरान कार की पिछली सीट पर रखे ड्रम के अंदर 45 किलो विस्फोटक (45 kg explosive) पाए गए। घटना की जानकारी मिलते ही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (National Investigation Agency) ने मामले की छानबीन शुरू कर दी। इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक मिलने के कारण आसपास के लोगों से इलाका खाली करवा कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया। साथ ही सेना की बम डिस्पोजल यूनिट (Bomb disposal unit) ने सीमित विस्फोट कर कार को ठिकाने लगा दिया। घटना में इस्तेमाल हुई कार पर नकली नंबर प्लेट का इस्तेमाल किया गया था। जांच के दौरान सामने आया कि, जिस रजिस्ट्रेशन नंबर (Registration number) का इस्तेमाल कार पर हुआ है। वो कठुआ में पंजीकृत स्कूटर का नंबर है। जम्मू कश्मीर के इंस्पेक्टर जनरल विजय कुमार (Jammu and Kashmir Inspector General Vijay Kumar) के मुताबिक आतंकी सेना या पुलिस की किसी टुकड़ी पर हमला करने की फिराक में थे। खुफिया सूत्रों (Intelligence sources) से मिली जानकारी के आधार पर हमने कार के रूट को ट्रेस किया। सुरक्षित दूरी पर रहते हुए इस साजिश को नाकाम कर दिया गया।
घाटी में आतंकी रियाज नाइकू (Terrorist riyaz naiku) के मारे जाने के बाद अलगाववादी चरमपंथी समूहों (Separatist extremist groups) में बौखलाहट का माहौल है। रियाज नाइकू के मारे जाने से आतंकी समूह की कमर टूट गई। जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ ने इस संयुक्त ऑपरेशन (Joint operation) को अंजाम देते हुए आम नागरिकों की सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया। जवाबी कार्रवाई करने से पहले ही लोगों को एहतियातन घटनास्थल से दूर रखा गया।