न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): मध्य प्रदेश की जीवाजी यूनिवर्सिटी एक सनसनीखेज मामला सामने आया। जहां विश्वविद्यालय प्रशासन ने Porn Video देखने के आरोप में 5 कर्मचारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस मामले में मेल और फीमेल स्टाफ दोनों का नाम सामने आया। एक कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। छानबीन में सामने आया कि स्टाफ के लोगों ने जिनमें दो महिलायें भी शामिल है। इस दौरान अभियुक्तों ने करीब 21 घंटे पोर्न वीडियो देखी।
इन पोर्न वीडियो को विश्वविद्यालय के अलग-अलग विभागों में काम कर रहे 8 लोगों ने एक महीने के दौरान देखा। जिसके लिए आठ यूजर आईडी का इस्तेमाल किया गया। न्यूज एजेंसी एएनआई के स्रोतों के मुताबिक आरोपियों में परमानेंट और कॉन्ट्रेक्टचुअल दोनों ही स्टॉफ शामिल थे। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने सूचना मिलते ही जांच समिति का गठन कर दिया। जिसकी जांच में ये मामला सही पाया। विश्वविद्यालय की टैक्निकल टीम ने पाया कि इन सभी लोगों ने अश्लील वीडियो देखने के लिए यूनिवर्सिटी के नेटवर्क का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद 5 कर्मचारियों की सेवायें तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गयी और इस परमानेंट कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस भेजा गया।
पोर्न वीडियो देखने के लिए जिन आठ यूजर आईडी का इस्तेमाल किया गया। दो नेट एक्सेस आईडी ऐसे कर्मचारियों की है। जो कि 55 साल से ज़्यादा आयु के है और जल्द ही उनका रिटायरमेंट होने वाला है। मामले पर सफाई देते हुए कुछ कर्मचारियों ने दावा किया कि वो सर्च इंजन पर कुछ ढूढ़ रहे थे, इस दौरान पोर्न वीडियो से जुड़ी साइट्स अपने आप खुलती चली गयी। इसी क्रम में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आउटसोसर्ड कर्मचारियों पर बड़ी गाज़ गिराते हुए दो महिलाओं समेत पांच कर्मचारियों को नौकरी से बाहर कर दिया। मामला सामने आने पर विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप का माहौल देखा गया। कई कर्मचारी इस मुद्दे पर बयान देने से बचते नज़र आये। कर्मचारियों के इस रवैये से यूनिवर्सिटी की छवि और साख को गहरा धक्का पहुँचा है।