लाइफस्टाइल डेस्क (दीक्षा गुप्ता): 7 February Rose Day Special – भारत की संस्कृति हमेशा से सभी का तहे दिल से स्वागत करने वाली रही है अब भले ही वो लोग हो, रिश्ते हो या फिर त्यौहार। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है वैलेंटाइन वीक (Valentine week), जिसका इंतज़ार ना केवल युवा पीढ़ी बल्कि हर प्यार करने वाले शख्स को रहता है, और भारत में भी इसे उतनी ही गर्मजोशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है जितना की श्याद ही कहीं और मनाया जाता है। और पढ़ें – Bhojpuri Song: ‘टेबल पर लेबल मिली’ गाने में छाये दिनेश लाल यादव और आम्रपाली दुबे
वैलनटाइन्स वीक का आगाज
वैलेंटाइन वीक की शुरुआत सबसे पहले रोज डे (Rose Day) से होती है जो कि हर साल 7 फरवरी को होता है।इस दिन लोग एक दुसरे को गुलाब देकर अपनी फीलिंग्स का इज़हार करते है। एक छोटा सा गुलाब का फूल उन बातो और जज्बातों को भी बयाँ में मदद करता है जिसके लिए अक्सर शब्द कम पढ़ जाते हैं।
जहाँ एक ओर गुलाब कोमल, सुन्दर, आकर्षक, खुशबूदार होते हैं तो वहीं दूसरी ओर चाहे मूड कैसा भी हो यह हमारे मन को खुशनुमा बना देते हैं, और चेहरे पर के प्यारी सी मुस्कुराहट ले आते है इसलिए हमेशा से ही रोज़ (Rose) युवा दिलों की पहली पसंद है। और पढ़ें – Bhojpuri Song: ‘टेबल पर लेबल मिली’ गाने में छाये दिनेश लाल यादव और आम्रपाली दुबे
आखिर क्यों मनाया जाता है रोज़ डे?
वैसे तो कई सालों से रोज डे यूं ही इसी अंदाज में मनाया जा रहा है लेकिन इसको मनाये जाने के पीछे के रीज़न को बहुत ही कम लोग जानतें हैं। तो आपको बता दें कि अगर आप अंग्रेजी के शब्द ROSE को उलट-पलट कर देखेंगे तो यह EROS बन जाता है।
पश्चिमी मान्यताओं के अनुसार Eros को प्यार का देवता मना जाता है, जो सभी के जिन्दगी में प्यार लाते हैं। अगर किसी भी नये रिश्ते की शुरुआत फूलों से हो तो उसके कामयाब होने की उम्मीद और भी बढ़ जाती है। इसी वजह से इस वैलेंटाइन वीक की शुरुआत सबसे पहले रोज़ डे से होती है। और पढ़ें – Bhojpuri Song: ‘टेबल पर लेबल मिली’ गाने में छाये दिनेश लाल यादव और आम्रपाली दुबे
रोज़ डे पर गुलाब के रंगों के अलग-अलग मायने
रोज डे पर सभी लोग अपने चाहने वालों के साथ एक नयी शुरुआत करने के लिए लाल, पीले, सफ़ेद जैसे कई रंगों के गुलाबों का प्रयोग करते है लेकिन हर रंग का एक अलग मतलब होता है। अक्सर युवा दिल इसी कश्मोकश में रहते हैं कि किस रंग का गुलाब बेहतर होगा तो चलिए आज हम आपको ये बताते हैं कि गुलाब के कौन-से रंग के क्या मायने होते है।
लाल गुलाब
वैसे तो गुलाब कई रंगों के होते है लेकिन उन सब में से सबसे ज्यादा लाल रंग फेमस है क्योकि इसे प्यार का रंग माना जाता है और अगर आप किसी से अपने प्यार का इजहार करना चाहते हैं तो आप उस स्पेशल इंसान के लिए लाल रंग के रोज़ (Red Rose) को चुन सकते हैं। इसके अलावा किसी का जिन्दगी में शुक्रिया अदा करने के लिए भी प्रेमी जोड़े गुलाब में लाल रंग को चुनते है। और पढ़ें – Bhojpuri Song: ‘टेबल पर लेबल मिली’ गाने में छाये दिनेश लाल यादव और आम्रपाली दुबे
पीला गुलाब
कहतें हैं कि अगर प्यार की शुरूआत दोस्ती से हो तो वो रिश्ता और भी मजबूत हो जाता है इसिलए रोज डे पर दोस्ती के लिए पीले रंग के गुलाब का उपयोग किया जाता है। पीले गुलाब (Yellow Rose) को देखकर दोस्ती के लिए कोई भी अपना हाथ पीछे नहीं खीच पायेगा। इसलिए अगर आप भी एक नये सिरे से शुरुआत करना चाहते है तो दोस्ती से ही कीजिये।
सफ़ेद गुलाब
अक्सर बेहद कम नजर आने वाले सफ़ेद गुलब (White Rose) को शांति का प्रतीक मना जाता है और इसे रूठे हुए लोगों को मनाने में उपयोग किया जाता है। अगर आप भी अपनी किसी गलती को लेकर दिल से शर्मिंदा हैं और अपनी गलती की माफ़ी मांगना चाहते हैं इस बार सफेद रोज़ के साथ माफ़ी मांगकर अपने सारे गिले शिकवें को दूर कर सकते है। और पढ़ें – Bhojpuri Song: ‘टेबल पर लेबल मिली’ गाने में छाये दिनेश लाल यादव और आम्रपाली दुबे
बैंगनी गुलाब
बैंगनी रंग का गुलाब (Purple Rose) एक तरफ़ा प्यार को दिखाता है। बहुत कम नजर आने वाला यह गुलाब अपनी फीलिंग को दिखाने में बहुत मददगार साबित हो सकता है। तो अगर आप भी अपने एक तरफ़ा प्यार को सामने लाना चाहते हैं तो इस रोज डे पर पर्पल कलर के रोज को इस्तेमाल कर सकते हैं।
हल्का गुलाबी गुलाब
हल्का गुलाबी रंग के गुलाब का इस्तेमाल अक्सर अपनी ख़ुशी का इजहार और दुसरे को सराहना देने के लिए किया जाता है। कुछ अच्छा काम करने के बाद हर इंसान उस पर शाबाशी पाना चाहता है, ऐसे में अगर सराहना गुलाब वाली मिले तो ख़ुशी दुगनी हो जाती है। इसलिए रोज डे पर हल्के गुलाबी गुलाब (Baby Pink Rose) से ख़ुशी को दुगना कर सकते हैं।
तो अब आप भी इस रोज़ डे पर अपने मन मुताबिक़ रोज़ देकर हमेशा के लिए इसे यादगार बना सकते हैं और अपने रिश्ते को अलग लेवल पर लेजा सकते है। गुलाब अपनी फीलिंग्स को जाहिर करने का सबसे हसीन तरीका है यही कारण है कि साल दर साल बीतने के बाबजूद भी यह तरीका पुराना होने की जगह आज भी यूं ही नया बना हुआ है। और पढ़ें – Bhojpuri Song: ‘टेबल पर लेबल मिली’ गाने में छाये दिनेश लाल यादव और आम्रपाली दुबे