एजेंसियां/न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): अमेरिका (America) में सत्ता हस्तांतरण को लेकर ट्रम्प समर्थकों ने जमकर बवाल काटा। जिसकी आशंका 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के बाद पुख़्ता तौर पर जतायी जा रही थी। भले ही जो बाइडेन सबसे ताकतवर मुल्क के राष्ट्रपति बन चुके हो, लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प अपने जिद्दी और अड़ियल रवैये (Stubborn and obstinate attitude) के कारण हार स्वीकारने की स्थिति में नहीं दिख रहे है। इसके लिए वो लगातार चुनावी धांधली का आरोप लगाकर जनमत का अपमान कर रहे है। जिसके चलते उनके समर्थकों ने अमेरिकी संसद के बाहर और भीतर जमकर हंगामा किया। कैपिटल हिल जंगी इलाके में तब्दील दिखा।
इस दौरान जमकर तोड़फोड़, फायरिंग और नारेबाज़ी देखी गयी। घटना के दौरान 4 लोगों की मौत की खब़र भी सामने आ रही है। हालातों को संभालने के लिए सुरक्षाबलों के स्पेशल ऑप्स ऑपरेटर्स (Special Ops Operators of Security Forces) की तैनाती करनी पड़ी। जिन्होनें प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। गौरतलब है कि अमेरिकी चुनावों के नतीज़े में ट्रम्प को 232 और जो बाइडेन को 306 वोट मिले। ट्रम्प ने धमकी भरे लहज़े में रि-काउंटिंग की अपील की। जिसके लिए दो याचिकायें भी अमेरिकी सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गयी। जिसे खाऱिज कर दिया गया। इस घटनाक्रम के बाद ट्रम्प इशारों ही इशारों में हिंसा धमकी कई मौकों पर देते दिखे।
वॉशिंगटन डीसी के पुलिस प्रमुख रॉबर्ट कॉन्टे के मुताबिक हिंसा में अब तक तीन लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गयी है। इसमें तीन पुरूष और एक महिला शामिल है। महिला को गोली मारी गयी है। फिलहाल जांच की जा रही है कि महिला को लगी गोली दंगाइयों ने मारी है या स्पेशल ऑप्स ऑपरेटर्स ने। स्थानीय न्यूज एजेंसी के मुताबिक मरने वालों की तादाद 7 बतायी जा रही है। दंगें की आग की दूसरे इलाकों में ना फैले, इसके लिए पुलिस और नेशनल गार्ड्स को सर्तक कर दिया गया है। कयास लगाये जा रहे है कि पेंटागन हालातों को संभालने के लिए संवेदनशील इलाकों में ग्रीन बैरट्स, डेल्टा और मरीन फोर्स (Green Berets, Delta and Marine Force) के जवानों की तैनाती कर सकता है।
इस मसले पर पीएम मोदी ने ट्विट कर लिखा कि- वॉशिंगटन डीसी में हुए दंगों और हिंसा से काफी चिंतित और आहत हूँ। सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीकों से तयशुदा प्रक्रिया के अन्तर्गत होना चाहिए। लोकतांत्रिक व्यवस्था के संचालन में गैरकानूनी विरोध प्रदर्शनों का प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
हिंसा को देखते हुए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा- हम बिना डरे अपना काम जारी रखेंगे। रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर मिट रोमनी (Republican Senator Mitt Romney) ने कहा कि, मैं इस हिंसा की आलोचना करता हूँ। मुझे बेहद शर्मिन्दगी महसूस हो रही है कि दंगाइयों को संसद में घुसने के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प ने भड़काया। लोकतान्त्रिक परिवेश में जनमत का सम्मान करते हुए, हार जीत स्वीकारने की क्षमता होनी चाहिए। मैं ट्रम्प समर्थकों को संदश देना चाहता हूँ, वो सच्चाई को कबूले। साथ ही मैं अपने रिपब्लिकन पार्टी के सभी साथियों से अपील करता हूँ कि, लोकतन्त्र को बचाने के लिए वो आगे आये।