नई दिल्ली (शौर्य यादव): जल्द ही पूरा मुल्क 74th independence day का जश्न को मनाने वाला है। इस बीच महाराष्ट्र पुलिस ने एक बड़ी साज़िश को नाकाम कर दिया है। महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में धनेगांव से मुरकुट डोह जाने वाले जंगली रास्ते पर बारूदी सुरंग (Landmine) लगाकर एम्बुश तैयार किया गया। जिस रास्ते पर बारूदी सुरंग मिली, उस रास्ते का इस्तेमाल सुरक्षा बल और पुलिस के ज़वान पेट्रोलिंग के लिए करते है। जिन हालातों में विस्फोटक को जब़्त किया गया है, उससे साफ जाहिर होता है, नक्सलियों के निशाने पर पुलिस पेट्रोल पार्टी (Police Patrol Party) थी।
जैसे ही स्थानीय पुलिस को विस्फोटक की सूचना मिली। जिला पुलिस अधीक्षक मंगेश शिंदे और अपर पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी (District Superintendent of Police Mangesh Shinde and Additional Superintendent of Police Atul Kulkarni) की अगुवाई में पुलिस की टीम और 60 कमाडों का दस्ता मौके पर पहुँचा। इलाके में नक्सली की धरपकड़ और अन्य स्थानों पर छिपाये गये विस्फोटकों को जब़्त करने के लिए बड़े स्तर पर सर्च ऑप्रेशन शुरू कर दिया गया। शुरूआती जांच के दौरान अल्म्युनियम आधारित एक्सप्लोसिव, इलेक्ट्रिक डिटोनेटर, जर्मन डिब्बा कंटेनर (तकरीबन 5 से 6 किग्रा के बीच), स्पीलंटर, इलेक्ट्रिक वायर और बैट जैसी एक्सप्लोसिव यूनिट की बरामदगी हुई। एंटी बम स्कवॉड (Anti bomb squad) ने मौके पर ही आईइडी को डिफ्यूज कर दिया।
जानकारी के मुताबिक इस इलाके में नक्सल शहीद सप्ताह (28 जुलाई से 3 अगस्त तक) नाम सर्च ऑप्रेशन शुरू किया गया था। जिसके चलते स्थानीय नक्सल कमांडरो (Local naxal commanders) में हड़कंप का माहौल था। इस दौरान स्थानीय पुलिस और विशेष दस्ते में गहन जंगल में जाकर सशस्त्र ऑप्रेशन (Armed operation by going deep into the forest) को अन्ज़ाम दिया था। गौरतलब है कि इस दौरान पुलिस और नक्सलियों के बीच किसी तरह की कोई झड़प नहीं हुई। लेकिन इलाके में वर्चस्व और पुलिस पार्टी को सबक सिखाने के लिए ये षड्यन्त्र रचा गया।
पुलिस को वक्त रहते विश्वस्त सूत्रों (Trusted sources) से आईईडी बिछे होने की जानकारी मिल गयी। साथ ही अतिरिक्त सतर्कता के कारण (Due to extra vigilance) कई जवानों की जान भी बच गयी। वरना नक्सली 74 स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर बड़ी खलल मचाने की साज़िश रच चुके थे।