न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): बिहार चुनावों (Bihar Election) से ठीक पहले सियायी जोड़तोड़ का माहौल जोरों पर है। कहीं सीट बंटवारों को लेकर आपसी खींचतान है तो कहीं गठबंधन धर्म के बीच राजनीतिक रणनीति से समझौता करने की खब़रे सामने आ रही है। इन सबके बीच पूर्णिया जिले में दलित नेता शक्ति मल्लिक की हत्या (Dalit leader Shakti Mallick killed) से प्रदेश की सियासत में खलबली मची हुई है। हाल ही में उन्होनें राजद का दामन छोड़कर लालू परिवार के खिलाफ बगावती तेवर अख़्तियार कर लिये थे। कुछ दिन पहले ही उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खासा वायरल हुआ था, जिसमें वो अपनी हत्या की आशंका जाहिर कर रहे थे। वीडियो में वो साफ कहते हुए देखे गये कि, उनकी हत्या तेजस्वी यादव करवा सकते है। मृतक नेता की पत्नी ने भी तेजस्वी यादव पर हत्या करवाने का शक ज़ाहिर किया है।
सियासी मौके की नज़ाकत को भांपते हुए जदयू ने दलित नेता शक्ति मल्लिक की हत्या के मामले में तेजस्वी को सीधे तौर पर कटघरे में खड़ा किया है। साथ ही वरिष्ठ जदयू नेताओं ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। मृतक नेता की पत्नी खुशबू के मुताबिक तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और अनिल साधु सीधे तौर पर उनके पति हत्या से जुड़े हुए है। राजद से टिकट देने के एवज़ में तेजस्वी ने उनसे मोटे पैसे की डिमांड की थी। जिसके बाद उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। गौरतलब है कि दलित नेता शक्ति मल्लिक रानीगंज से निर्दलीय प्रत्याशी (Independent candidate from Raniganj) के तौर पर चुनावी मैदान में उतरने वाले थे।
बीते रविवार तड़के छह बजे कुछ अज्ञात नकाबपोशों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाकर शक्ति मल्लिक की हत्या उनके आवास पर कर दी थी। छाती और सिर में गोली लगने के कारण उन्होनें मौके पर ही दमतोड़ दिया। नकाबपोश तुरन्त ही दीवार फांदकर भाग गये। घटना के वक्त घर में मृतक नेता की पत्नी और बच्चे भी मौजूद थे। खुशबू के बयान और वायरल वीडियों के आधार पर केहाट पुलिस थाने में तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, अनिल कुमार उर्फ साधु यादव, कालो पासवान, मनोज पासवान और सुनीता देवी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। सभी आरोपियों पर हत्या की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज (FIR registered under sections of murder) की गयी है। दलित नेता शक्ति मल्लिक के दोनों मोबाइल जब़्त करके सीडीआर की जांच पड़ताल की जा रही है।
इस प्रकरण के बाद सूबे के सियासत में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जोरों पर है। जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक (JDU spokesman Ajay Alok) और राजीव रंजन ने सीधे तौर पर राजद और यादव परिवार का घेराव किया। वहीं राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन के मुताबिक जदयू तेजस्वी के सियासी कद से बौखलाई हुई है, इसलिए अनर्गल बयानबाज़ी और आरोप (Unrestrained rhetoric and allegations) लगा रही है। इन सबके बीच गौर करने वाली बात दलित नेता शक्ति मल्लिक का कथित वायरल वीडियो है जिसमें उन्होनें कहा था कि- तेजस्वी उनसे 50 लाख रूपये टिकट के एवज़ में मांग रहे थे, ना देने पर हत्या की धमकी दी गयी थी।
बिहार चुनावों से ठीक राजद और लालू परिवार (RJD and Lalu Family) के लिए ये मामला किसी बड़े झटके से कम नहीं है। यदि केस चलने के दौरान आरोप सही साबित होते है तो अपराधिक साज़िश में शामिल होने के आरोप में विधानसभा सदस्यता भंग (Dissolution of assembly membership) हो सकती है या फिर चुनाव लड़ने की पात्रता भी खत्म हो सकती है। फिलहाल इंतजार है मामले से पूरी तरह पर्दे के हटने का।