नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election) की सरगर्मियां जोरों पर है। कहीं गठबंधन धर्म निभाया जा रहा है तो कहीं नये समीकरण बनाने के लिए जोड़-तोड़ किया जा रहा है। जातीय समीकरण इस सूबे की नियति में ब्रह्म वाक्य की तरह लिखे हुए है। अब कुछ हद तक विकास के नाम पर लोग सोच विचार करने लगे है। ऐसे में कुछ बने बनाये सियासी फॉम्यूले है, जो पॉलिटिकल माइलेज के लहज़े से काफी अहम है। इनका इस्तेमाल प्रदेश की सियासत में हमेशा से ही अचूक माना जाता रहा है। आज हम आपको बिहार की एक ऐसी विधानसभा सीट (Assembly seat) के बारे में बताने जा रहे है जो कि तिलस्मी और जादुई मानी जाती है।
जमुई विधानसभा सीट को प्रदेश की सियासत में काफी चमत्कारी माना जाता रहा है। इस सीट से जीत हासिल करने वाले ज्यादातर राजनीतिक सूरमाओं का भविष्य काफी उज़्जवल रहा है। फिलहाल इस पर जीत दर्ज करने के लिए तीन बड़े सियासी परिवारों के लोग इस बार विधानसभा चुनावों में उतर रहे है। जिसकी वजह से मुकाबला काफी दिलचस्प बनता जा रहा है। रालोसपा के टिकट अजय प्रताप चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे है। पहले अजय प्रताप (Ajay Pratap) को भाजपा से टिकट मिलने की उम्मीद थी। जिसके लिए उन्होनें अपने पिता पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के नाम का सहारा था। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व दिग्विजय सिंह व पूर्व सांसद पुतुल देवी के पुत्री श्रेयसी इस चुनावी समर में निशाना साधती नज़र आयेगी। जिन्होनें हाल ही में भाजपा का दामन थामा है। तीसरे मोर्चे पर महागठबंधन के प्रत्याशी विजय प्रकाश मुस्तैदी के साथ डटे हुए है। विजय प्रकाश केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव (Union Minister Jayaprakash Narayan Yadav) के भाई हैं। मौजूदा वक्त में इस सीट राजद के विजय प्रकाश ने अपना कब़्जा कायम किया हुआ है। जिन्होनें पिछले बिहार विधानसभा चुनावों में भाजपा प्रत्याशी अजय प्रताप को करारी शिकस्त दी थी।
जातीय समीकरणों के आधार पर जमुई में राजपूतों का वर्चस्व है। तकरीबन दस बार राजपूतों प्रत्याशियों ने इस सीट पर जीत हासिल की है। भूतपूर्व बिहार सभा अध्यक्ष त्रिपुरारी प्रसाद ने इस सीट को लगातार चार बार अपने नाम दर्ज किया। दिलचस्प ये भी है कि साल 2005 के दौरान अहीर (यादव) जाति से आने वाले विजय प्रकाश ने इसी सीट पर जीत जरूर हासिल की, लेकिन जोड़-तोड़ के कारण वो शपथ लेने में नाकाम रहे। ये सीट महागठबंधन के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है। एनडीए इस सीट पर पहली बार महिला प्रत्याशी उतारने जा रहा है। ये विधानसभा सीट राजनीतिक रूप से काफी उपजाऊ है। इसने बहुत से प्रदेश सरकार में कई मंत्री दिये साथ ही कई लोग कैबिनेट मिनिस्टर (Cabinet minister) भी इसी विधानसभा सीट की बदौलत बने। बिहार की मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय चन्द्रशेखर सिंह जमुई के ही निवासी थे।
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