- पीएम मोदी (PM Modi) को 2 लाख रुपये वेतन मिलता है जिसमें ज्यादातर पैसे कि करते है बचत
- SBI गांधीनगर में 1.60 करोड़ का है fixed diposit
- 30 जून तक खाते में 3.38 लाख रुपये
- पीएम मोदी के पास सोने की चार अंगूठियां हैं
न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), अधिकांश भारतीयों की तरह, बैंक में अपना पैसा रखते हैं। उन्होंने अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा सावधि जमा (fixed deposti) और बचत खातों (saving accounts) में जमा किया है। 12 अक्टूबर को पीएम ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया। 30 जून तक, प्रधानमंत्री मोदी के पास 1,75,63,618 रुपये की चल संपत्ति (movable assets) थी। उनके पास 30 जून को 31,450 रुपये की नकदी थी। उनकी चल संपत्ति पिछले वर्ष की तुलना में 26.26% बढ़ी। इस वृद्धि के पीछे मुख्य कारण उनके वेतन से बचत और सावधि जमा से ब्याज का पुन: निवेश है।
पीएम मोदी का पैसा कहां है?
30 जून को, मोदी के बचत खाते में 3.38 लाख रुपये थे। उनका भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की गांधीनगर शाखा में सावधि जमा खाता है। पिछले साल इसका मूल्य 1,27,81,574 रुपये था जो 30 जून, 2020 तक बढ़कर 1,60,28,039 हो गया है। मोदी ने कर बचत स्थानों में पैसा लगाया है। उनका निवेश नेशनल इंश्योरेंस के अलावा लाइफ इंश्योरेंस और इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स में है। उन्होंने एनएससी (NSCs) में अधिक पैसा लगाया है और उनके बीमा प्रीमियम में भी कमी आई है। मोदी के पास 8,43,124 एनएससी हैं और बीमा प्रीमियम 1,50,957 रुपये है। जनवरी 2012 में, उन्होंने 20 हजार रुपये का एक इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड (infrastructure bond) खरीदा था जो अभी तक परिपक्व नहीं हुआ है।
न कार, न कर्ज
प्रधानमंत्री की अचल संपत्तियों (fixed assets) में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है। नवीनतम विवरण के अनुसार, मोदी के नाम पर गांधीनगर में एक घर है, जिसकी कीमत 1.1 करोड़ रुपये है। यह उनके परिवार के स्वामित्व में है। मोदी की कोई देनदारी नहीं है, न ही उनके पास कोई कार है। उनके पास सोने की चार अंगूठियां हैं।
हर सरकारी सेवक को इसकी जानकारी देनी होती है
पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के लिए दाखिल हलफनामे में मोदी ने 1.41 करोड़ रुपये की चल संपत्ति दिखाई थी। तब बैंक में उनके पास 1.27 करोड़ रुपये थे। केंद्रीय मंत्रियों को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के तहत 2004 में अपनी संपत्ति का विवरण देने की व्यवस्था शुरू हुई। सांसदों को हर साल अपने परिवार की आय का विवरण भी देना होता है। 2013 से, लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, सभी लोक सेवकों के लिए अपनी वार्षिक आय की जानकारी सार्वजनिक करना अनिवार्य है।