एंटरटेनमेंट डेस्क (मुंबई, महाराष्ट्र): बॉलीवुड (bollywood) की “ड्रीम गर्ल” (Dream Girl) बनने से लेकर विभिन्न किरदारों के लिए अपने अलग अंदाज में दिखने वाली एक्ट्रेस हेमा मालिनी (Hema Malini) ने सिल्वर स्क्रीन पर अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया, सदाबहार अदाकारा हेमा मालिनी ने 100 से अधिक फिल्मों में अभिनय और दर्शकों का मनोरंजन किया है। आज यानी 16 अक्टूबर को हेमा मालिनी की उम्र में एक साल और जुड़ गया है, आइए उसके सुनहरे करियर के कुछ असाधारण चरित्रों पर एक नजर डालते हैं।
अगर हम 1975 में आई फिल्म शोले (Sholay) की बात न करें तो ये लिस्ट अधूरी ही होगी क्योंकि मल्टी-स्टारर फिल्म यकीनन अभी तक की सबसे बड़ी बॉलीवुड हिट फिल्मों में से एक है। अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan), धर्मेंद्र (Dharmendra), संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) और जया बच्चन (Jaya Bachchan) की भूमिका वाली फिल्म में हेमा मालिनी सहजता से एक बातूनी और सुंदर बसंती के किरदार में आ गईं। साथ ही, उनका किरदार हज़ारों दिल को जीतने में कामयाब रहा, और शोले का संवाद, “यूँ कि, ये कौन बोला” उन दिनों हर किसी के जुबान पर था।
चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं में सुंदर अभिनय की लिस्ट को आगे बढ़ाते हुए हेमा 1972 में आई फिल्म सीता और गीता (Seeta Aur Geeta) में दोहरी भूमिका में नज़र आई। रमेश सिप्पी द्वारा अभिनीत, फिल्म में गीता को उग्र और एक ऑलराउंडर के रूप में प्रदर्शित किया, जबकि सीता इसके विपरीत थी।
1977 में आई फिल्म ड्रीम गर्ल (Dream Girl) में, हेमा ने जो प्रदर्शन किया वो असाधारण था क्यूंकि उन्होंने इस फिल्म में पांच अलग-अलग चरित्रों – सपना (Sapna), पद्मा (Padma), चम्पाबाई (Champabai), ड्रीमगर्ल (Dream Girl), और राजकुमारी (Rajkumari) के किरदार को निभाया था। उसने एक ऐसी लड़की की भूमिका निभाई जो अनाथ बच्चों के लिए घर चलने के लिए पैसे चुराती है।
साल 1982 में आई फिल्म सत्ते पे सत्ता (Satte पे Satta) एक और ऐसी फिल्म है जो हेमा मालिनी के अभिनय को प्रदर्शित करती है। अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan), सचिन पिलगांवकर (Sachin Pilgaonkar), अमजद खान (Amjad Khan), शक्ति कपूर (Shakti Kapoor) और अन्य कलाकारों की एक टुकड़ी सहित फिल्म में इंदु के एक ऐसे किरदार को हेमा ने बड़ी ही खूबसूरती से निभाया था जिसमें भावनाओं का मिश्रण है – प्यार, क्रोध और समर्थन। भले ही यह फिल्म सात भाइयों के बारे में थी, लेकिन हेमा का प्रदर्शन बेहतरीन तो था ही लेकिन साथ ही उन्होंने अपने किरदार से साथी कलाकारों के किरदार को फीका नही पड़ने दिया।
हालाँकि हेमा ने अपने पति धर्मेन्द्र के साथ अधिक से अधिक जोड़ी बनाई, लेकिन 2003 में अमिताभ के साथ उनकी बहुचर्चित जोड़ी बागबान (Baghban) में बुजुर्ग माता-पिता के रूप में पिछले दशक को खूब भाई। हेमा ने अपनी भूमिका पूजा मल्होत्रा के माध्यम से साबित कर दिया कि वह एक बुजुर्ग मां के रूप में भी खूबसूरत दिख सकती हैं और उनकी अभिनय कला कभी बूढ़ी नहीं हो सकती।