न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): आगामी बिहार चुनावों (Bihar Election 2020) के समीकरण अभी से ही दिलचस्प बनने लगे है। इस तस्वीर में चिराग पासवान एनडीए अलग होकर चुनाव लड़ने का बड़ा जोखिम उठा रहे है। ये उनकी ओर से बड़ा राजनीतिक दांव है। ये उन्हें राजनीति की मुख्य धारा (Mainstream politics) में स्थापित कर सकता है या फिर आजीवन राजनीतिक अज्ञातवास की ओर भी ले जा सकता है। दूसरी ओर बिहार भाजपा के सिपहसालारों ने उन्हें पीएम मोदी का नाम ना भुनाने की कड़ी हिदायत दे दी है। जिसके लिए चुनाव आयोग (Election commission) को भी जानकारी भेज दी गयी है। जिसके बाद चिराग पासवान पिछले पायदान पर आ खड़े हुए। आज चिराग पासवान ने कई ट्विट कर नीतीश सरकार पर हमला करते हुए पीएम मोदी की तारीफ की।
आज चिराग पासवान ने ट्विट कर लिखा कि- आदरणीय नीतीश कुमार जी ने प्रचार का पूरा ज़ोर मेरे और प्रधानमंत्री जी के बीच दूरी दिखने में लगा रखा है। बांटो और राज करो की नीति में माहिर मुख्यमंत्री (Chief Minister Nitish Kumar) जी हर रोज़ मेरे और भाजपा (BJP) के बीच दूरी बनाने का प्रयास कर रहे है। मेरे और प्रधानमंत्री जी के रिश्ते कैसे है, मुझे यह प्रदर्शन करने की ज़रूरत नहीं है। पापा जब अस्पताल में थे तब से लेकर उनकी अंतिम यात्रा तक उन्होंने मेरे लिए जो कुछ किया उसे मैं कभी नहीं भूल सकता।
जदयू और भाजपा गठबंधन पर चिराग ने लिखा कि- मैं नहीं चाहता की मेरी वजह से प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) जी किसी धर्मसंकट में पड़े। वे अपना गठबंधनधर्म निभाए। आदरणीय मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को संतुष्ट करने के लिए मेरे ख़िलाफ़ भी कुछ कहना पड़े तो निस्संकोच कहे। नीतीश कुमार जी को भाजपा के साथियों का धन्यवाद करना चाहिए कि वे मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ इतना आक्रोश होने के बावजूद गठबंधन धर्म निभा रहे है और हर दिन नीतीश कुमार जी को प्रमाणपत्र देते है कि वे चिराग के साथ नहीं है। बिहार फ़र्स्ट की सोच जदयू (JDU) नेताओं के गले की फाँस बन चुका है। प्रधानमंत्रीजी के विकास के मंत्र के पहले बिहार और पहले बिहारी के साथ में प्रतिबद्धता के साथ खड़ा हूँ।
बिहार विधानसभा चुनावों का देखते हुए चिराग का रवैया एक अबूझ पहेली (Unseen Political puzzle) सा बना गया है। एक दिन पहले ही उन्होनें खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताया था। कुछ पॉलिटिकल पंड़ित इसे चिराग की राजनीतिक अपरिपक्वता (Political immaturity) बता रहे है। अगर पिछले दरवाज़े से देखा जाये तो ये साफ हो जाता है कि पीएम मोदी के खिलाफ रोज अपनी और लोजपा (LJP) की ईमानदारी साबित करके चिराग वहीं काम कर रहे है, जिससे बिहार बीजेपी को ऐतराज है यानि कि पीएम मोदी के नाम का इस्तेमाल। उनका ये कदम उन्हें कितना नफा पहुँचा सकता है, इसके लिए नतीज़ों का इंतज़ार करना होगा।