न्यूज़ डेस्क (समरजीत अधिकारी): 40 रूपये प्रति किलो खुदरा मूल्य (Retail price) के साथ आलू की कीमतों सहित दूसरी सब्ज़ियों के दामों में आग लगी हुई है। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक में प्याज़ की कीमतों ने इस साल का कीर्तिमान रचते हुए 90 रूपये प्रति किलो के हिसाब से घरों में पहुँच रहा है। वहीं दूसरी ओर चेन्नई में आम जनता प्याज की खरीद 73 रुपये किलो में कर रही है। नवरात्रि का त्यौहार खत्म होने पर प्याज़ की कीमतों में ज़बरदस्त उछाल आने के पूरे आसार है। जिसके साथ ही लहसुन की मांग (Demand for garlic) में भी इज़ाफा होगा। प्याज़ और लहसुन का इस्तेमाल तकरीबन हर रसोई में आम बात है।
भारी बारिश के चलते दक्षिण भारत (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक) में प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुँचा है। दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest monsoon) के कारण हुई तेज बारिश का सीधा असर कीमतों पर दिख रहा है। जिसकी वज़ह से उत्पादन में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गयी है। महाराष्ट्र में प्याज़ उत्पादन (Onion Production in Maharashtra) में गिरावट का यहीं मुख्य कारण है। इसीलिए मुंबई और पुणे के कई इलाकों में प्याज़ की कीमत 100 रूपये प्रति किलो की आसपास दर्ज की गयी। राजधानी दिल्ली में प्याज़ की कीमत 50 रूपये प्रति किलो दर्ज की गयी है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने प्याज का औसतन खुदरा मूल्य 55.60 प्रति किलो तय किया है।
मौजूदा हालातों के बीच मथुरा-आगरा के आसपास बने कोल्ड स्टोरेज (Cold storage Near Mathura-Agra) में ज्यादातर आलू व्यापारियों ने प्रशासन को अपने स्टॉक का आंकडा ही नहीं मुहैया करवाया है। तकरीबन 286 में से 126 कोल्ड स्टोरेज में जमा आलू का आंकडा प्रशासन के पास नहीं है। जिससे लगातार कालाबाज़ारी की संभावना (Possibility of black marketing) बनी हुई है। ऐसे में व्यापारी और आढ़ती साठ-गांठ बनाकर सीमित मात्रा में ही आलू का मंडी में उतार रहे है, जिसके कारण कीमतों में बनावटी इज़ाफा हुआ जा रहा है। रिटेल मांग की अनुरूप तकरीबन एक-चौथाई आलू आपूर्ति मथुरा-आगरा जिला मंड़ियों में की जा रही है। आलू कीमतों पर लगाम कसने के लिए कई आलू व्यापारियों को कारण बताओं नोटिस (Show cause notice issued to potato traders) जारी किया गया है कि आखिर वो क्यूं स्टोरेज आलुओं की जानकारी प्रशासन से छिपा रहे है?