13 हज़ार करोड़ के कारण केजरीवाल और MCD आमने-सामने

नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): राजधानी दिल्ली के तीनों निगम (MCD) और केजरीवाल सरकार के बीच एक बार फिर से ठन चुकी है। अबकि बार मामला 13 हज़ार करोड़ रूपये से जुड़ा हुआ है। जिसके लिए दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता (Delhi BJP State President Adesh Gupta) की अगुवाई में मुहिम शुरू कर दी गयी है। राजधानी की सड़कें इस मामले से जुड़े पोस्टर से पट चुकी है। दिल्ली के तीनों निगमों में भाजपा का दबदबा है। केन्द्र सरकार द्वारा आंबटित किये गये पैसों में से दिल्ली सरकार तीनों निगमों के पैसों का आबंटन उन्हें नहीं कर रही है। जिसकी वजह से ये मुहिम जोर पकड़ रही है।

तयशुदा प्रक्रिया के तहत दिल्ली सरकार ने फिलहाल निगमों का पैसा रोका हुआ है। जिसकी वजह से तीनों निगम अपने नियमित काम करने में सक्षम नहीं हो पा रहे है और निगमकर्मियों की तनख्वाहें रूक रही है। इसका सीधा असर निगमों के अन्तर्गत काम करने वाले संस्थानों पर पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार (Delhi government) ने इस वित्तीय वर्ष के साथ-साथ पिछले वित्तीय वर्ष का भी कुछ पैसा रोका रखा है। जिसका आंबटन अभी भी लंबित पड़ा हुआ है।

इसका सीधा असर हाल ही में एमसीडी के अस्पतालों पर पड़ता दिखा। बाड़ा हिन्दूराव अस्पताल (Bara Hindurao Hospital), कस्तूरबा गांधी अस्पताल और राजन बाबू टीबी अस्पताल के डॉक्टर्स और पैरामेडिकल अस्पताल का वेतन देने के लिए निगमों के पास पैसा तक नहीं बचा। जिसकी वज़ह से तीनों अस्पतालों के डॉक्टर्स हड़ताल पर है। साथ ही इसके कारण निगमों द्वारा किये जाने वाले दूसरे विकास कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे है। बड़ी तस्वीर को देखा जाये तो भारतीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था एक श्रृंखलाबद्ध संघीय ढ़ांचे (Serial federal structure) से बनी हुई है। जिसमें मौजूदा केजरीवाल सरकार व्यवधान उत्पन्न कर रही है।

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