सरहद की दास्तानों में,
लिख दी गयी,
दो मुल्क की रवायतों में,
एक मुल्क हिंदुस्तान रहा,
तो दूसरा मुल्क बना पाकिस्तान…।
एंटरटेनमेंट डेस्क (मनीषा): पाकिस्तान और पाकिस्तानियों (Pakistani) को भले हम दुश्मन मुल्क की तरह देखते हो, लेकिन दोनों ओर से दिलों की डोर बंधी हुई है। जब भी कुछ जज़्बाती किस्से सामने आते है तो आंखें नम हो जाती है। रवायतें, नज़ाकतें, नम ज़ज्बात और इंसानी रिश्तों पर आज भी सरहद बेअसर है। सरहद ने भले ही दोनों मुल्कों को बांटा हो। लेकिन दिलों में दो तंज़ीमें नहीं पैदा कर पायी। इबादत और बंदगी अक्सर हवा, दरिया और पंक्षियो की तरह होती है। जिन्हें मुल्कों की सरहदें नहीं बांध सकती। इन्हीं किस्सों को बयां करने का जरिया है सीरियल्स। जो कि सीधे दिलोदिमाग पर दस्तक देते हुए रूहानी सुकून देते है। मौजूदा वक़्त में हिन्दुस्तान में पाकिस्तानी सीरियल्स (Pakistani serials) देखने का क्रेज काफी बढ़ा है। हाल ही के व्यूवरशिप पैटर्न (Viewership pattern) को देखा जाये तो “जिन्दगी गुल्जा़र है”, “हमसफर” और “एह-दे- वफ़ा” जैसे पाकिस्तानी ड्रामा को भारतीय दर्शकों ने खूब पसंद किया। इस वक्त भारत में ज़्यादातर पाकिस्तानी सीरियल्स यू ट्यूब के जरिये देखे जा रहे है।
रुसवाई
– हमारी सोसाइटी का बेरहम चेहरा
“इस इंतज़ार का सिला, एक बोहोत खूबसूरत जिंदगी होगी” छोटे से लम्हें में समीरा को उसके मंगेतर के लब्ज़ ! “समीरा” पेशे से एक जिंदा दिल नौजवां डाक्टर है साथ में उसका खुशनुमा परिवार और बेइंतहा मोहब्बत करने वाला मंगेतर “सलमान “! लेकिन ये खुशियाँ समीरा के साथ हुए उस खौफनाक हादसे (गैंग रेप) के बाद बदल गयी! जिसके बाद उसकी फैमिली और मंगेतर ने सोसाइटी के डर से उसको इंसाफ का रास्ता अख़्तियार ना करने के लिए बेबस किया। कहानी के आखिर तक आते-आते समीरा अपने आत्म-सम्मान के लिए मुज़रिमों को सज़ा दिलवाती है और उसका परिवार भी उसके साथ होता है!
89% ने पसंद किया शो
एपिसोड की संख्या-29
प्रसारित-1 अक्टूबर 2019 से 14 अप्रैल 2020
प्यार के सदके
“उस पल की क्या बात हो, जिस पल में तेरा साथ हो” गरीब परिवार की मासूम, लापरवाह, शरारती और सोसाइटी के इशारों को समझने में नाकाम रहने वाली “महाजबीन”! कई बार 10वीं में फेल और दिन-रात अव्वल आने के सपने देखने वाली! तो दूसरी तरफ शर्मीला, नरममिज़ाज, सामाजिक रूप से अजीब, हाई क्लास का अमीरज़ादा “अब्दुल्ला”! जो अपने सौतेले पिता के खौफ से हकलाता है और यूनिवर्सिटी के सभी एक्जाम में फेल होता है लेकिन मैथ्स में पूरे नंबर लाता है! दोनों का निकाह काफी अजीब हालातों में होता है, जो सीरी़ज की आखिरी कड़ी तक एक मज़बूत रिश्ते में तब्दील हो जाता है।
96% पसंद किया
एपिसोड की संख्या-30
प्रसारित-23 जनवरी 2020- 13 अगस्त 2020
ये दिल मेरा
“मेरा नहीं ये दिल मेरा, तुझी से है ये जा मिला “ ‘ऐना’ जो अपनी माँ की मौत का डर, बचपन से अपने सपनों में देखती आयी है! मीर फारूख ऐना के अब्बा जो पैसा और रुतबे में चूर है, लेकिन बेटी ऐना को अपनी जान से ज्यादा मोहब्बत करते है! तीसरा किरदार अमानुल्लाह जो बेहद चालाकी से ऐना को अपने प्यार के जाल में कैद कर, अपने माँ-बाप-बहन की मौत का बदला मीर फारुक की बेटी ऐना से शादी करके लेता है! कहानी के आखिर में अमानुल्लाह की मीर फारूख से बदला लेने की चाहत ऐना से सच्ची मोहब्बत में बदल जाती है!
96% पसंद किया
एपिसोड की संख्या-33
प्रसारित- 30 अक्टूबर 2019 से 10 जून 2020
खानी
“कैसा ये मर्ज़ है इश्क़-इश्क़, कैसा ये दर्द है इश्क़-इश्क़…..” “खानी” और उसके जुड़वा भाई सरीम जो आने वाले जन्मदिन की तैयारियों में मसरूफ़ फैमिली। इस बीच मीर हादी जो कि आला दर्जे के सियासी परिवार से तालुल्क अमीरज़ादा है। गोली मार कर सरीम का कत्ल कर देता है। शुरूआत में डरी सहमी खानी भाई की मौत के बदले को लेकर हिम्मत जुटाती है, और मीर हादी के खिलाफ मोर्चा खोल देती है। उसकी इस हिम्मत को देख मीर हादी को उससे मोहब्बत हो जाती है! आखिर में मीर हादी के नसीब में खानी के मोहब्बत तो नहीं आती है, पर वो जेल में अपनी मुकर्रर सज़ा पूरी करता है और दूसरे कैदियों को प्यार और आध्यात्मिक अभ्यास करने का तरीका सिखाता है!
93% ने पसंद किया
एपिसोड की संख्या- 31 एपिसोड
प्रसारित- 6 नवंबर 2017 से 2 जुलाई 2018
सबात
“जिंदगी पहेली है, जिंदगी फसाना है, गीत गाए कोई भी साथ गुनगुनाना है… जिंदगी है अजनबी”
अमीर फैमिली की “मीराल” एक नौजवां और मगरूरियत में भरी ख़्वातीन है। उसके वालिद इलाके के जाने-माने कारोबारी है। मीराल की निगेटिविटी में उसके वालिद खुलकर उसे सपोर्ट करते है। दूसरी ओर मीराल की माँ और दादी उसे ज़िन्दगी की ज़मीनी हक़ीकत से जुड़े सब़क सीखाने की जद्दोज़हद में लगे हुए है। मीराल के छोटे भाई हसन की शख़्सियत पर उसका काफी असर है। जो कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। इस कहानी का एक ओर किरदार है “अनाया” जो कि हसन की ही यूनिवर्सिटी में पढ़ती है। अनाया के बेबाक अन्दाज़, हसरतों और लीडरशिप से हसन खासा इम्प्रेस होता है और अनाया से निकाह कर लेता है ! लेकिन मगरूरियत में भरी मीराल दोनों की शादी टिकने नहीं देती और बेहद चालाकी से दोनों को जुदा कर देती है! कहानी के आखिर में मीराल का एक्सीडेंट होता है और उसको एहसास होता है कि, उसे साथ जो भी गलत हुआ ये सब उसकी चालबाज़ियों और मगरूरियत का ही नतीजा है। इसलिए वो अनाया से माफ़ी मांगती है और अपने भाई हसन के पास लौट जाने की तहे दिल से दरख्वास्त करती है!
93% ने पसंद किया
एपिसोड की संख्या-28
प्रसारित- 29 मार्च 2020 से 25 अक्टूबर 2020