नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): भारतीय वायु सेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया (IAF Chief) ने आज राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) पुणे के 139 कोर्स की पासिंग आउट परेड के दौरान 217 कैडेटों को संबोधित करते हुए कहा कि- हमें कई मोर्चों से एक साथ आने वाले हाइब्रिड खतरे के खिलाफ तैयार रहना होगा। इससे निपटने के लिए हमें हर वक़्त पर उच्च स्तरीय समर्पण, प्रतिबद्धता, बलिदान और नेतृत्व की जरूरत होगी।
पास आउट कैडेटों को संबोधित करते हुए, भदौरिया ने कहा कि- 139 वीं परेड की समीक्षा करना उनके लिए गर्व की बात है। पासिंग आउट उत्कृष्टता के मानकों पर खरी है। ये एनडीए का महान परम्परा कायम किये हुए है। इसी सर्वोच्च सेवा की उम्मीद राष्ट्र आप लोगों से करता है। बतौर नये नवेले सैन्य पेशेवर के तौर पर आप लोगों को ये समझना होगा कि, तेजी से बदलती हुई जियो पॉलिटिक्स का सीधा असर हमारी सुरक्षा तैयारियों और पड़ोसी देश के सियासी और सामरिक रवैये (Political and strategic attitude) पर पड़ता है।
भारतीय वायुसेना प्रमुख ने मौजूदा वैश्विक सैन्य परिप्रेक्ष्य के बारे में बताते हुए कहा कि- राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी दुनिया भर के बेहतरीन सैन्य संस्थानों में से एक है। आज की लड़ाई का केन्द्र बहुआयामी और अप्रत्याशित इस जटिलता से पार पाने के लिए हाई ऑप्रेशनल स्पीड की जरूरत बेहद बुनियादी है। जंगी मैदान में ऑप्रेशनल रिस्पॉन्स की बड़ी मांग है कि सभी सैन्य अभियानों में बेहतरीन तालमेल के साथ इंटीग्रेटिड दृष्टिकोण (Integrated approach) से आगे बढ़ा जाये।
अपने संबोधन के आखिर में वायुसेना प्रमुख ने कहा कि- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति और डीएमए के गठन से हमारे देश में उच्च रक्षा सुधारों के ऐतिहासिक चरण की शुरुआत हुई है। आप (पासिंग आउट परेड में शामिल कैडेट्स) सभी एनडीए के बेहतरीन संस्थान में प्रशिक्षित हुए है। जो कि सेना के तीन अंगों के लिए अधिकारियों को तैयार करती है। इस तेजी से बदलती दुनिया में सेना के तीनों अंगों का एकजुट होकर आगे बढ़ना बेहद जरूरी है।