नई दिल्ली (शौर्य यादव): सुशांत मामले को लेकर अर्नब गोस्वामी औररिपब्लिक टीवी (Republic TV) को आज दिल्ली उच्च न्यायालय ने बॉलीवुड इंडस्ट्री पर आपत्तिजनक और गैर जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग करने के सिलसिले में तलब किया। इसके साथ ही इसी मामले में टाइम्स नाउ को भी ज़वाब दाखिल करने के लिए कहा। जस्टिस राजीव शकधर ने सुनवाई करते हुए बेनेट कोलमैन ग्रुप और एआरजी आउटलायर मीडिया आसियानेट प्राइवेट लिमिटेड (ARG Outlier Media Asianet Private Limited) को ऐसी मीडिया रिपोर्टिंग ना करने के फरमान जारी किये, जिससे बॉलीवुड इंडस्ट्री की मानहानि होती हो।
गौरतलब है कि बॉलीवुड के चार मुख्य फेडरेशनों और 34 प्रोडूयसर्स ने संयुक्त रूप से रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ के खिलाफ याचिका दायर की थी। इसके साथ ही रिपब्लिक के संस्थापक संपादक अर्नब गोस्वामी और जर्नलिस्ट प्रदीप भंडारी, टाइम्स नाउ के राहुल शिवशंकर और ग्रुप एडिटर नविका कुमार (Group Editor Navika Kumar) को भी इस याचिका में नामजद किया गया है। रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ के प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं ने न्यायमूर्ति राजीव शकधर को आश्वास्त किया कि, उनके मुवक्किल केबल टीवी एक्ट 1995 और प्रोग्रामिंग कोड्स का पूरी तरह पालन करेगें। फिलहाल मामले की सुनवाई की अगली तारीख 14 दिसम्बर मुकर्रर की गयी है।
सिविल स्यूट फाइल करने वाली कानूनी फर्म डीएसके ने दायर याचिका में दावा किया कि, दोनों चैनलों की एकतरफा रिपोर्टिंग के कारण बॉलीवुड इंडस्ट्री की छवि खराब हुई है। दोनों चैनलों ने बॉलीवुड के लिए नशेड़ी और गंदगी शब्द का इस्तेमाल किया है। साथ ही मीडिया रिपोर्टिंग के दौरान बॉलीवुड को सबसे गंदी इंडस्ट्री करार दिया। याचिका दायर करने वालों में बॉलीवुड के कई नामी-गिरामी स्टार्स और प्रोडक्शन हाउस शामिल है। जिनमें अक्षय कुमार, सलमान खान, अजय देवगन, आमिर खान, और शाहरुख खान का नाम खासतौर से शामिल है।
रोहित शेट्टी पिक्चर्स, अरबाज खान प्रोड्क्शन, अजय देवगन फिल्म्स, वन इंडिया स्टोरिज, अनिल कपूर फिल्म एंड कम्यूनिकेशन नेटवर्क, रेड चिलीज एंटरटेमेंट, रॉय पूर फिल्म्स, सलमान खान फिल्म्स, विशाल भारद्वाज, यशराज फिल्म्स, धर्मा प्रोडक्शन, एक्सेल एंटरटेमेंट, कबीर खान फिल्म्स, नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेंमेंट, रिलायंस बिग एंटरटेमेंट, आशुतोष गोवारिकर प्रोडक्शन, जैसे बड़े प्रोडक्शन हाउस इसमें याचिकाकर्ता बने है।
बॉलीवुड का पक्ष रख रहे अधिवक्ता राजीव नाय्यर ने इस दौरान कहा कि बॉलीवुड की छवि मीडिया रिपोर्टिंग के कारण खराब हुई है। जिसकी वज़ह से लोगों के बीच गलत धारणा पनपी है। इस दौरान न्यायमूर्ति राजीव शकधर (Justice Rajeev Shakadhar) ने टाइम्स नाउ की खरी खरी सुनाई और कहा कि- आप लोग जांच कर सकते है लेकिन जिम्मेदारी के साथ। आजकल खब़रें कम और परसेप्शन बनाने का काम ज़्यादा हो रहा है। मीडिया कानूनी प्रक्रिया से पहले ही लोगों को दोषी करार दे देती है। आप सभी लोग (टाइम्स नाउ और रिपब्लिक टीवी) सेल्फ रेग्यूलेशन की बात करते है, लेकिन ज़मीनी स्तर इसे लागू नहीं किया जा रहा है। कोई भी अपना निजी जीवन चैनलों पर प्रसारित होते नहीं देखना चाहता। सुनवाई खत्म होते ही सभी पक्षकारों को अगली तारीख दे दी गयी। इस केस के साथ ही मेन स्ट्रीम इलैक्ट्रॉनिक मीडिया और बॉलीवुड इंडस्ट्री में तल्खियां बढ़ सकती है।