न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): भले ही अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) कराची के क्लिम्फटन इलाके में आईएसआई की सुरक्षा में रहता हो, लेकिन उसके गुर्गे उसके काले कारोबार की देखरेख पाकिस्तान, भारत, दुबई सहित कई मुल्कों में करते है। पाकिस्तान में रहने के बावजूद दाऊद इब्राहिम धमकी, हमले और फिरौती जैसी वारदातें अक्सर भारत में करवाता रहता है। इन्हीं खतरों को दिल्ली के दो वकीलों ने दरकिनार करते हुए नीलामी में दाऊद इब्राहिम का सम्पत्ति बेहिचक खरीद ली है।
बीते मंगलवार को SAFEMA (Smugglers and Foreign Exchange Manipulators Act) के अन्तर्गत महाराष्ट्र डॉन की 6 सम्पत्तियों के बेच दिया गया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई एक नीलामी से 22 लाख 79 हजार 600 रुपए हासिल किये गये। दिल्ली में वकालत करने वाले अधिवक्ता भूपेंद्र भारद्वाज ने चार और एडवोकेट अजय श्रीवास्तव (Advocate Ajay Srivastava) ने दाऊद की 2 सम्पत्तियां खरीदी है। SAFEMA कानून के तहत कुल 17 प्रोप्रर्टीज की नीलामी की गयी। इंवेस्टीगेशन ऑफिसर मुनाफ सैयद के अनुसार रत्नागिरी के खेड़ में दाऊद की 13 संपत्तियों की निशानदेही की गयी थी। जिसमें से अभी तक सिर्फ 6 की ही नीलामी हो पायी है। सभी संपत्तियों की मिल्कियत 80 लाख रूपये आंकी गयी है।
इसी कवायद के तहत दाऊद के दाहिनीं हाथ इकबाल मिर्ची से जुड़ा जुहू वाला बंगला इस मर्तबा भी नीलाम ना हो सका। संपत्तियों की बोली लगाने वाले के मुताबिक बंगले की कीमत उनकी उम्मीदों से कहीं ज़्यादा लगायी गयी थी। इसके अलावा इकबाल मिर्ची (Iqbal Mirchi) की तकरीबन 7 संपत्तियों को पिछले महीने के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अटैच किया था। जिसमें पंचगनी में 3.5 एकड़ जमीन, एक अंडर कंस्ट्रक्शन होटल, दो बंगले, एक होटल और एक सिनेमा हॉल शुमार है।
एडवोकेट अजय श्रीवास्तव ने कामयाब बोली लगाने के बाद अपना पक्ष सार्वजनिक करते हुए कहा- ये मसला पैसे से जुड़ा हुआ नहीं है। संपत्तियों की खरीद दाऊद इब्राहिम को करारा पैगाम देने के लिए की गयी है। बोली लाकर हमने साबित कर दिया है कि हम उससे जरा भी नहीं डरते। अगर वो पाकिस्तान में बैठकर दहशतगर्दी मचा सकता है तो हम भी अपनी एजेंसियों के साथ मजबूती से खड़े होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इस कदर शामिल हो सकते है। गौरतलब है कि इससे पहले भी अजय श्रीवास्तव ने दाऊद की संपत्तियों की नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लेकर बोलियां लगाई थी। जिसके बाद उन्हें कई बार दाऊद के गुर्गों से धमकियां मिली। इससे पहले उन्होनें दाऊद की ही संपत्ति पर बोली लगाकर कर्मिशियल प्लॉट (Commercial plot) हासिल किया था।