नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): राष्ट्रपति चुनावों में हुई हार से डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) खासा बौखलाये हुए है। चुनावों के नतीज़ों को चुनौती देने के लिए उन्होनें न्यायालय का रूख़ किया लेकिन उन्हें वहां से भी निराशा ही हाथ लगी। नतीज़ो की घोषणा के बाद उन्हें अमेरिकी मीडिया और ट्विटर को भी जमकर लताड़ा। ताजा हालातों में अब ट्रम्प के निशाने पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) और फॉर्मास्यूटिकल कंपनी फाइजर (Pfizer) आ गयी है। ट्रम्प अपनी हार की लिये इन दोनों को जिम्मेदार मान रहे है।
फाइजर को आड़े हाथों लेते हुए ट्रम्प ने दावा किया कि- एफडीए और फॉर्मास्यूटिकल कंपनी फाइजर ने साज़िशन उन्हें विकसित हो रही कोरोना वैक्सीन सही जानकारी से दूर रखा। जिसके वज़ह से वो अपने चुनावी प्रचार अभियानों (Election campaign) में इसका जिक्र नहीं कर पाये और उन्हें बुरी तरह मुँह की खानी पड़ी। इसी मुद्दे को लेकर ट्रंप ने ट्वीट कर लिखा कि- डेमोक्रेट्स और एफडीए चुनावी अभियान के दौरान वैक्सीन का श्रेय (Vaccine credits) मुझे नहीं देना चाहते थे, क्योंकि ये मुझे चुनावी शिकस्त देने में कारगर दांव हो सकता था। काबिले गौर है कि चुनावी नतीज़े के घोषित होने के एकाएक पांच दिनों के भीतर ही वैक्सीन का ऐलान किया गया।
इसके साथ ही ट्रम्प ने डेमोक्रेट्स पर निशाना साधते हुए कहा कि, मेरी जगह अगर जो बाइडन राष्ट्रपति पद पर काब़िज होते तो, ये टीका अगले चार सालों तक अमेरिकियों को मयस्सर ना हो पाता और ना ही इसे खाद्य एवं औषधि प्रशासन की औपचारिक मंजूर मिल पाती। गौरतलब है कि जर्मन-अमेरिकी भागीदारी से तैयार ये टीका 90 फीसदी कारगर पाया गया है। जिसके लिए नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन (Newly elected US President Joe Biden) ने वैक्सीन विकसित करने वाली टीम को बधाई भी दी। दूसरी ओर ये देखना भी दिलचस्प रहेगा कि ट्रम्प आने वक़्त में अपनी हार के लिए और किस-किस को जिम्मेदार ठहराते है।
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