नई दिल्ली (शौर्य यादव): राजधानी दिल्ली में कोरोना (Covid 19) के तेजी से बढ़ते मामले अब चिंताजनक मोड़ पर पहुँच चुके है। कयास लगाये जा रहे है कि संक्रमण की ये रफ्तार अगर लगातार बनी रही तो मौसम और प्रदूषण जैसे फैक्टर मिलकर हालातों को और भी घातक बना सकते है। स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) द्वारा जारी ताजा आंकड़ो के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना महामारी के 8000 से ज्यादा नए मामले दर्ज किये जा चुके है। जिसके तहत बीते बुधवार को 8,593 इंफेक्शन केस सामने आये। आंकड़ो के मुताबिक दिल्ली में एक दिन में दर्ज ये अब तक के सबसे ज़्यादा इंफेक्शन के मामले है। इसी बीच दिल्ली में महामारी के कारण अब तक अब 7228 लोगों की मौत हो चुकी है। जिनमें से 85 लोग बीते चौबीस घंटे के दौरान मर चुके है और साथ ही 7264 लोगों ने महामारी को मात दे दी है।
कुल आंकड़ो की ओर गौर करे तो दिल्ली में अब तक 4,59,975 लोग महामारी की चपेट में आ चुके है। जिनमें से 4,10,118 लोगों ने इलाज़ के बाद महामारी को हरा दिया। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कारण सबसे ज़्यादा मौतें बीते 16 जून को हुई थी। उस दौरान 93 लोगों ने महामारी से जूझते हुए दम तोड़ दिया था। बीते मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली सत्येंद्र जैन ने माना था कि राजधानी कोरोना की तीसरी लहर (Corona’s third wave) अपनी मौजूदगी दर्ज करवा चुकी है। इसके कुछ दिनों तक चरम पर रहने की उम्मीद है, हालांकि ये स्थिति ज़्यादा दिनों तक टिकेगी नहीं। खुद दिल्ली सरकार ने औपचारिक रूप से माना कि प्रतिदिन होने वाली जांच मे तिगुना इज़ाफा किया गया है।
इस बीच विशेषज्ञों ने तेजी से बदलते मौसम और राजधानी के वायु प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर की है। दमा, ब्रॉकाइटिस, मधुमेह और मौसमी नज़ला-जुकाम को रोगियों पर कोरोना का वार काफी मुश्किलें पैदा कर सकता है। वायु प्रदूषण की मार से कमजोर पड़े फेफड़े पर वायरस इंफेक्शन का खतरा चार गुना बढ़ जाता है। दिल्ली में लगातार कई दिनों से वायु प्रदूषण का सूचकांक अपने खतरनाक स्तर पर है। जो कि वायरस को तेजी बढ़ने और इंसानी शरीर में फलने-फूलने के लिए मुफीद माहौल तैयार करता है।