Shiv Sena के कद्दावर नेता पर कसा ईडी का शिकंजा, बेटा गिरफ्त में, भाजपा और शिवसेना में खिंची तलवार

नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): प्रवर्तन निदेशालय में बड़ी कार्रवाई करते हुए आज शिवसेना (Shiv Sena) के कद्दावर नेता प्रताप सरनाईक के घर और दफ्तर पर छापेमारी की। छापेमारी की कवायद विधायक के 10 अन्य और ठिकानों पर भी की गई। जांच की कार्रवाई के दौरान ईडी के अधिकारियों ने प्रताप सरनाईक के बेटे विहांग सरनाईक को गिरफ्त में ले लिया। बताया जा रहा है कि मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) से जुड़ा हुआ है, लेकिन इसका औपचारिक खुलासा प्रवर्तन निदेशालय की ओर से नहीं किया गया है।

इस दौरान ईडी की टीम ने कुछ दस्तावेज भी विधायक के घर से ज़ब्त किये है। छापेमारी का कारण रेड टॉप सिक्योरिटी ग्रुप (Red top security group) और विधायक प्रताप सरनाईक के बीच हुए वित्तीय लेनदेन में अनिमितताओं को बताया जा रहा है। इस मामले के बाद बीजेपी और शिवसेना के बीच तलवारें खींच गयी है। बीजेपी का मानना है कि ईडी वाज़िब बुनियाद पर ही ऐसी कार्रवाई करती है। जबकि शिवसेना के नेता बयान सामने रखकर केन्द्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल की बात कह रहे है।

इस मामले पर शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि- केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र सरकार पर दबाव नहीं बनाया जा सकता है। अगर कोई ऐसा सोचता है तो, वो गलतफहमी में है। केन्द्रीय एजेंसियों के नोटिस और छापे हमारे विधायक पर दबाव नहीं बना सकते है। ये महज़ सियासी दांव है। प्रवर्तन निदेशालय को बीजेपी के अनुषांगिक संगठन (Allied organizations of BJP) के तौर पर काम नहीं करना चाहिए। भाजपा पर हमलावर होते हुए शिवसेना की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्विटकर लिखा कि- केंद्र सरकार विपक्षी आवाज़ को दबाने के लिए ईडी, आईटी, सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है। ईडी के द्वारा केन्द्र सरकार अपनी ज़बरन मंशा और विचारों को लागू कर रही है।

वहीं इस मामले में ईडी का बचाव करते हुए भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि- प्रवर्तन निदेशालय बिना किसी तैयारी के कोई कार्रवाई नहीं करती है। अगर सरनाईक के हाथ घोटाले में सने हुए है तो उनकी खिलाफ कार्रवाई होनी ही चाहिए। महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के मुताबिक फिलहाल उन्हें ईडी की इस कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं है। अगर कोई भष्ट्राचारी है तो उसे ईडी की कार्रवाई से जरूर डरना चाहिए। बिना किसी गलत काम के डरने का कोई मतलब नहीं बनता है। प्रवर्तन निदेशालय अपनी किसी भी कार्रवाई से पहले ठोस आधार तैयार करता है।

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