मप्र के एक मंत्री जी की भावनाएं एक वेब सीरीज (Web Series) सूटेबल बॉय के एक चुम्बन दृश्य से आहत हो जाने की खबर है। विक्रम सेठ के प्रसिद्ध उपन्यास पर आधारित मीरा नायर द्वारा निर्देशित यह वेब सीरीज नेटफ्लिक्स (Netflix) पर दिखाई जा रही है। मंत्री महोदय का कहना है कि चुम्बन दृश्य एक मंदिर के अंदर और पृष्ठभूमि में बज रहे भजन के साथ दर्शाया गया है। खबर है इस पर अदालत का दरवाजा भी खटखटाया गया है। मप्र के रीवा नामक शहर में इस वेब सीरीज को लव जिहाद को प्रेरित करने वाला बताते हुए एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है।
अब देश में कब किस बात से किसकी भावना आहत हो जाएगी कोई भरोसा नहीं। देश में करणी सेना और राम सेने जैसी अनेक ऐसी संस्थाएं उग आई हैं जिनका काम धंधा भावना आहत हो जाने से ही चल रहा है। फिल्मों, चित्रों और साहित्यिक कृतियों के लिए ये संस्थाएं समानांतर सेंसर बोर्ड (Parallel sensor board) की भूमिका निभा रही हैं।
जिस देश के मंदिरों में शिवलिंग प्रतिष्ठित और पूज्य है। जहां अपनी उन्मुक्त मूर्तियों के लिए प्रख्यात खजुराहो, कोणार्क और सिरपुर जैसे प्राचीन मंदिरों के उदाहरण मौजूद हैं, उस देश में मंदिर परिसर में चुंबन के मात्र फिल्मी दृश्य से धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। क्या आहत भावनाओं का एक नया इंडिया गढ़ा जा रहा है? क्या यह विडंबना नहीं है कि ये भावनाएं तब आहत नहीं होतीं जब एक मंदिर के अंदर आठ साल की बच्ची को नशीली दवा खिलाकर उसके साथ तीन दिन तक बलात्कार किया जाता है और फिर उसे मार कर फेंक दिया जाता है। तब तो बलात्कारियों को बचाने के लिए बेशर्म लोग सड़कों पर उतर आते हैं। यह कैसी भावनाएं हैं और कैसा इनका आहत होना है!
साभार – मनोज खरे