नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): पाकिस्तान (Pakistan) के कब्जे वाले कश्मीर के एक्टीविस्ट (activist) अमजद अयूब मिर्जा (Amjad Ayub Mirza) ने पाकिस्तान में उभर अंसतोष के लिए इस्लामाबाद के नीति-नियन्ताओं को दोषी ठहराया। उनके मुताबिक पाकिस्तान में जो भी गलत हो रहा है, उसके लिए पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान सीधे तौर पर जिम्मेदार है ना कि भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) अजीत डोभाल (Ajit Dobhal)। पाकिस्तानी मीडिया में एक लेख का जिक्र करते हुए अमजद अयूब मिर्जा ने कहा कि- उस आर्टिकल का लब्बोलुआब ये था कि, पाकिस्तान में फैली बदहाली के लिए अजीत डोभाल सीधे तौर पर जिम्मेदार है। तो ऐसे में इसका मतलब ये हुआ कि पाकिस्तान की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था के लिए भी वहीं मुख्य कारण है। इमरान खान अपने आर्थिक फैसले अजीत डोभाल के निर्देशों पर करते है?
उन्होनें आगे कहा- दुनिया इस बात से अच्छे से वाकिफ है कि पाकिस्तान मक्कार और धोखेबाज़ है। उसने अवैध रूप से जम्मू-कश्मीर पर कब्जा कर रखा है। आजकल इस्लामाबाद (Islamabad) में एक नया चलन सामने आया है, जिसके तहत पाकिस्तान में कुछ भी गलत होता है तो इसके लिए अजीत डोभाल को दोषी ठहराया जाता है। जबकि असलियत ये है कि इस्लामाबाद के सत्ता प्रतिष्ठान में शैतान बैठा हुआ है। इमरान सरकार की बेलगाम नीतियां, सेना का देश की नीतियों में हस्तक्षेप और नॉन स्टेट एक्टर्स की करतूतों दिनोंदिन पाकिस्तान में जम्हूरियत का गला घोंट रही है। हाल ही में देश में इमरान सरकार से विपक्षी राजनीतिक दलों की बढ़ती नाराज़गी, ब्लूच रेजिमेंट में सैनिकों के बगावती तेवर और पाकिस्तान में पनप रहे गृहयुद्ध के हालातों के लिए एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने अजीत डोभाल को जिम्मेदार बताया था।
हाल ही में पाकिस्तानी वायुसेना से सेवानिवृत एयरवाइस मार्शल शहजाद चौधरी ने एक आर्टिकल लिखा था। जिसमें उन्होनें दावा किया था कि अजित डोभाल पाकिस्तान में अस्थिरता लाने के लिए पश्तून आदिवासी इलाकों के लोगों और बलूचिस्तान में विद्रोही समूहों की मदद कर रहे है। इनका इस्तेमाल करते हुए देश के अन्दर असंतोष का माहौल तैयार किया जा रहा है। जिससे पाकिस्तानी सेना कश्मीर मुद्दे से दूर होती जा रही है। सेना का ध्यान कश्मीर से हटकर मुल्क के अंदरूनी माहौल को संभालने में लगा हुआ है। शहजाद चौधरी ने बीते 22 नवंबर को ट्रिब्यून डॉट कॉम पर अजित डोभाल के खिलाफ डोवाल्स डर्टी वॉर शीर्षक नामक संपादकीय लिखा था।