संभल, उत्तर प्रदेश (ऋषभ चौहान): योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में UP प्रशासन भले ही कितने सुशासन की ताल ठोंक ले, लेकिन सूबे के अधिकारियों और कर्मचारियों का लचर रवैया अक्सर सरकारी महकमों की पोल खोल ही देता है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के सम्भल जिला संयुक्त अस्पताल (Sambhal District Joint Hospital) का है। जहां बच्ची की लाश के साथ अस्पताल कर्मचारियों ने भारी लापरवाही बरती। बीते बुधवार देर रात एक्सीडेंट होने के बाद बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के बाद उसकी जान नहीं बचायी जा सकी। उसे कितना बेहतर इलाज दिया गया, इसका तो पता नहीं पर उसकी मौत के बाद उसकी लाश के साथ जो सलूक हुआ, उससे इंसानियत जरूर शर्मसार हो जायेगी।
अस्पताल कर्मचारियों ने लापरवाह रवैया दिखाते हुए बच्ची की लाश को स्ट्रेचर पर रख गैलरी में यूं ही छोड़ दिया। अस्पताल प्रशासन के गैर पेशेवर व्यवहार के कारण एक आवारा कुत्ता बच्ची की लाश को नोंचता दिखा। ये सारा बेरहम नज़ारा अस्पताल में मौजूद किसी शख्स ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया। मौके पर जब मृतक बच्ची के परिजन पहुँचे तो उन्होनें अस्पताल कर्मियों के कामकाज़ करने के तौर तरीके पर सख्त नाराज़गी जाहिर की। आये दिन सम्भल जिला संयुक्त अस्पताल का स्टॉफ लापरवाह रवैये के कारण सुर्खियों में रहता है। ऐसे में कई बड़े और अहम सवाल उठते है। बच्ची की लाश को रखने के लिए अस्पताल प्रशासन ने उचित मेडिकल प्रोटोकॉल (Medical protocol) का पालन क्यों नहीं किया? संक्रमण के लिहाज से अस्पताल बेहद संवेदनशील जगह होती है, ऐसे वहां पर खुलेआम कुत्ते का घूमना और लाश को नोंचना खतरनाक संक्रमण को दावत दे सकता है। सबसे बड़ा और अहम सवाल ये भी है कि मोटी तनख्वाह पाने वाले सम्भल जिला संयुक्त अस्पताल कर्मचारी अपने कर्तव्य को लेकर इतने लापरवाह और गैर-जिम्मेदार कैसे हो सकते है? स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों से ऐसी अपेक्षा नहीं की जा सकती है। कुल मिलाकर वो कुत्ता बच्ची की लाश नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में फैली राजकीय स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की लाश नोंच रहा था। देखना ये भी दिलचस्प रहेगा कि ये खबर सामने आने के बाद सरकार अस्पताल के खिलाफ कोई कदम उठाती है या फिर इस मामले पर यूं ही लीपापोती कर दी जायेगी।