नई दिल्ली (शौर्य यादव): हर साल आम आदमी खासतौर से मध्यम वर्गीय परिवार देश के बजट (Budget) पर नजर बनाए रखते हैं। कॉर्पोरेट सेक्टर, नौकरी पेशा और छोटे व्यापारियों की कई वित्तीय रणनीतियां केंद्रीय बजट द्वारा तय होती है। जिनका सीधा असर चूल्हे से लेकर बहीखातों तक पर पड़ता है। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए मोदी सरकार वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की अगुवाई में एक शानदार शुरुआत करने जा रही है। जिसके अंतर्गत देश की आम जनता की राय बजट बनाने में काफी अहम भूमिका निभाएगी। इस विचार को अमलीजामा पहनाने के लिए आज वित्त मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा ट्वीट किया गया। जिसके तहत आगामी बजट (वित्तीय वर्ष 2021-22) के लिए देश के आम नागरिकों से सुझाव और विचार मांगे गये।
MyGov.in के माध्यम से सभी आम नागरिक आने वाले बजट के लिए अपने सुझाव दे सकेगें। इस कवायद को कारगर ढंग से लागू करने के लिए वित्त मंत्रालय ने कमर कस ली है। मोदी सरकार के इस प्रयास से अब गवर्नेंस में जनवादी भागीदारी (Democratic participation in governance) की संभावनाएं बढ़ेंगी। जो विचार और सुझाव कारगर लगेंगे, उन्हें बजट के मसौदे में सीधे तौर पर शामिल किया जाएगा। इससे देश की जनता, सरकार प्रशासनिक जुड़ाव महसूस कर सकेगी। आमतौर पर बजट बंद एसी कमरों में सरकारी बाबुओं द्वारा तैयार किया जाता है, जिन्हें जमीनी हालातों की समझ तकरीबन ना के बराबर होती है। वित्त मंत्रालय के इस प्रयास से इन्हीं संभावनाओं को विराम देने के लिए इस कवायद को शुरू किया गया। अब देखना दिलचस्प रहेगा कि वित्त मंत्रालय के पास कितने विचार और सुझाव पहुंचते हैं और उनमें से कितने को लागू किया जाता है।