न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाये जा रहे COVID vaccine का जायजा लेने के लिए शनिवार, 28 नवंबर को तीन अलग-अलग शहरों अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद का दौरा करेंगे। पीएम सबसे पहले अहमदाबाद में Zydus Cadila के संस्थानों का दौरा करेंगे जहां ZyCoV-D को विकसित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, “जैसे ही भारत COVID-19 के खिलाफ लड़ाई के निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है, PM @ narendramodi की इन कैंदों का दौरा करेंगे जहाँ PM नागरिकों का टीकाकरण की सुविधा प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिकों के साथ भारत की तैयारियों, चुनौतियों और रोडमैप के बारे में चर्चा करेंगे।”
ज़ाइडस कैडिला (Zydus Cadila) चांगोदर पार्क (Changodar park) में स्थित वैक्सीन टेक्नोलॉजी सेंटर में COVID-19 वैक्सीन का निर्माण कर रहा है। वैक्सीन निर्माता कथित तौर पर दिसंबर में नैदानिक परीक्षणों (clinical trials) के तीसरे चरण के लिए आवेदन करेगा। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2021 तक बाजार में वैक्सीन लॉन्च करने की उम्मीद है।
दूसरा पड़ाव: पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute of Pune)
अहमदाबाद के बाद, पीएम मोदी के पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट पहुंचेगे जहाँ पुणे स्थित दवा निर्माण कंपनी Oxford-AstraZeneca COVID-19 vaccine का उत्पादन कर रही है जो अप्रैल 2021 तक तैयार होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वैक्सीन की उत्पादन प्रक्रिया को समझने के लिए संस्थान का दौरा कर रहे हैं। COVID-19 वैक्सीन, ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जा रही है, हाल ही में बड़े पैमाने पर परीक्षण के बाद 70 प्रतिशत प्रभावकारिता की घोषणा की गई थी।
वैक्सीन, जिसे भारत में Covishield का नाम दिया गया है, को विशेष रूप से पसंद किया जा रहा है क्योंकि यह Moderna और Pfizer द्वारा विकसित की जा रही vaccine की तुलना में कम कीमत है और भंडारण के लिए अत्यधिक कम तापमान की भी आवश्यकता नहीं है।
अंतिम पड़ाव: हैदराबाद में भारत बायोटेक संस्थान (Bharat Biotech’s Facility in Hyderabad)
पुणे के बाद, पीएम मोदी हैदराबाद में वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक संस्थान का दौरा करेंगे।
मोदी शाम 4 बजे के आसपास हाकिमपेट एयर फ़ोर्स स्टेशन (Hakimpet Air Force Station) पर उतरने वाले हैं और वहाँ से वे जीनोम वैली (Genome Valley) में भारत बायोटेक की सुविधा तक पहुँचेंगे, जहाँ कंपनी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) के सहयोग से कंपनी द्वारा विकसित कोरोनावायरस (coronavirus) के लिए भारत का पहला स्वदेशी वैक्सीन Covaxin पर काम चल रहा है।