Mann ki Baat Live: कोरोना वैक्सीन और अन्य कई मुद्दों पर पीएम मोदी करेगें बात

न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): बीते शनिवार को पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन विकसित करे रहे फॉर्मास्यूटिकल संस्थानों को दौरा किया। ऐसे में मन की बात (Mann ki Baat) कार्यक्रम में इस बात की प्रबल संभावनायें है कि, कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) को लेकर वो कुछ बड़ा ऐलान कर सकते है। ये मन की बात का 71 वां एपिसोड है। मन की बात के विषयों के चयन के लिए विचार अक्सर NaMo App और MyGov के द्वारा प्रधानमंत्री तक पहुँचाये जाते है। मौजूदा हालातों को देखते हुए वो किसान आंदोलन (Farmers movement) और कोरोना गाइडलाइंस के मुद्दे पर भी अपनी राय रख सकते है।

Mann ki Baat की बात कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहीं ये बड़ी बातें:-

  • आज मैं आप सबके साथ एक खुशखबरी साझा करना चाहता हूं। हर भारतीय को यह जानकर गर्व होगा कि देवी अन्नपूर्णा की एक बहुत पुरानी प्रतिमा कनाडा से वापस भारत आ रही है।
  • माता अन्नपूर्णा का काशी से बहुत ही विशेष संबंध है। अब उनकी प्रतिमा का वापस आना हम सभी के लिए सुखद है। माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की तरह ही हमारी विरासत की अनेक अनमोल धरोहरें, अंतर्राष्ट्रीय गिरोहों का शिकार होती रही हैं।
  • माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की वापसी के साथ एक संयोग यह भी जुड़ा है कि कुछ दिन पूर्व ही World Heritage Week मनाया गया है। World Heritage Week संस्कृति प्रेमियों के लिए, पुराने समय में वापस जाने, उनके इतिहास के अहम पड़ावों को पता लगाने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है।

  • आज देश में कई Museums और लाइब्रेरी अपने कलेक्शन को पूरी तरह से डिजिटल बनाने का काम कर रहे है। दिल्ली में हमारे राष्ट्रीय संग्रहालय ने इस संबंध में कुछ सराहनीय प्रयास किए हैं।
  • इस महीने 12 नवंबर से डॉक्टर सलीम अली जी का 125वां जयंती समारोह शुरू हुआ है। डॉक्टर सलीम ने पक्षियों की दुनिया में Bird Watching को लेकर उल्लेखनीय कार्य किए है। दुनिया में Bird Watching को, भारत के प्रति आकर्षित भी किया है।
  • भारत में बहुत सी Bird Watching Society सक्रिय हैं। आप भी जरूर इस विषय के साथ जुड़िए। मेरी भागदौड़ की जिन्दगी में, मुझे भी पिछले दिनों केवड़िया में पक्षियों के साथ समय बिताने का बहुत ही यादगार अवसर मिला।
  • भारत की संस्कृति और शास्त्र, हमेशा से ही पूरी दुनिया के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं। कई लोग तो इनकी खोज में भारत आए और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गए, तो कई लोग वापस अपने देश जाकर इस संस्कृति के संवाहक बन गए।
  • कल 30 नवंबर को हम श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे। पूरी दिनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। Vancouver से Wellington तक, Singapore से South Africa तक उनके संदेश हर तरफ सुनाई देते हैं।
  • गुरुग्रन्थ साहिब में कहा गया है- ‘सेवक को सेवा बन आई’, यानी सेवक का काम सेवा करना है। बीते कुछ वर्षों में कई अहम पड़ाव आए और एक सेवक के तौर पर हमें बहुत कुछ करने का अवसर मिला।
  • क्या आप जानते हैं कि कच्छ में एक गुरुद्वारा है, लखपत गुरुद्वारा साहिब। श्री गुरु नानक जी अपने उदासी के दौरान लखपत गुरुद्वारा साहिब में रुके थे। 2001 के भूकंप से कच्छ के लखपत गुरुद्वारा साहिब को भी नुकसान पहुंचा था। गुरु साहिब की कृपा ही थी कि मैं इसका जीर्णोद्धार सुनिश्चित कर पाया।
  • पिछले दिनों, मुझे, देश-भर की कई Universities के Students के साथ संवाद का, उनकी Education Journey के महत्वपूर्ण Events में शामिल होने का, अवसर प्राप्त हुआ है।

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