नई दिल्ली (शौर्य यादव): संशोधित कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन (Farmer Protests) की आंच अब दिल्ली की दहलीज तक पहुंच चुकी है। दिल्ली पुलिस के सभी बंदोबस्त को धत्ता बताते हुए किसान गांवों के रास्ते राजधानी में पहुँचकर अपनी धमक दिखाने के लिए तैयार है। राजधानी में लगातार किसान आंदोलन का गतिरोध 5 दिनों से बना हुआ है। पहले इस मुहिम में सिर्फ पंजाब के किसान ही सक्रिय थे, अब उन्हें अब राजस्थान, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों का भी साथ मिल रहा है। दिल्ली सटे अलग-अलग बॉर्डरों पुलिस और किसानों के बीच गतिरोध (Deadlock between police and farmers) की स्थिति बनी हुई है। सिंघू बॉर्डर के साथ-साथ टीकरी और दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर भी किसानों की लामबंदी हो रही है। दिल्ली में घुसने के लिए किसान नेता और उनके समर्थक मुख्य सड़क का इस्तेमाल ना करके अंदरूनी गांवों के रास्ते का इस्तेमाल कर रहे है। जहां पुलिस बंदोबस्ती ना के बराबर है।
बीते रविवार अमृतसर के आने वाले आंदोलनकारी किसानों के जत्थे में सोनीपत के रास्ते होते हुए गांवों के भीतरी रास्तों के द्वारा दिल्ली में प्रवेश कर गये। कोरोनाकाल में इतनी भारी संख्या में लोगों का जमावड़ा दिल्ली में घुस गया, लेकिन दिल्ली पुलिस और दूसरी एजेंसियों को इनकी भनक तक ना लगी। मामला सामने आने पर पुलिस के उच्चाधारियों ने आंदोलनकारी किसानों से निरंकारी ग्राउंड बुराडी जाने के गुहार लगायी, लेकिन वे ना माने और वहीं बैठकर धरना प्रदर्शन करने लगे। केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी करने के साथ उनके पास रसद और अन्य जरूरी सामान की पूरी व्यवस्था दिखाई दी। मौजूदा हालातों में किसान प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली को तीन तरफ से घेर रखा है। सिंघु, टीकरी और यूपी बॉर्डर पर किसानों का भारी जमावड़ा लगा हुआ है। यूपी गेट पर प्रदर्शन की कमान भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के टिकैत गुट ने संभाल रखी है। आंदोलन को और पैनापन देने के लिए किसान नेता और भी प्रदर्शनकारियों से मैदान में उतरने की अपील कर रहे है।
किसान नेताओं ने दिल्ली को घेरने की पूरी रणनीति बना रखी है। जिसमें वो काफी हद तक कामयाब होते दिख रहे है। उनके मुताबिक विवादित संशोधन और नये कृषि कानून की वापसी तक ये मुहिम जारी रखी जायेगी। मोर्चे पर डटने के लिए वो अपने साथ चार महीने का राशन भी साथ लेकर चल रहे है। सुरजीत सिंह फुल की अगुवाई में किसान निरंकारी मैदान में जाने से साफ इंकार करते दिखे। जिससे मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को हाथ-पांव फूल गये। बुराडी सहित कई इलाकों में लोग लंगर लगाकर किसानों को भोजन-पानी और चाय की व्यवस्था करते दिखे। हरियाणा से आये प्रदर्शनकारी किसान स्थानीय वाद्य यंत्रों की मदद से रागिनी गाकर लोगों का मनोरंजन भी कर रहे थे। रविवार को देर रात राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर उच्चस्तरीय बैठक (High level meeting) का आवाह्न किया गया। जिसमें इस समस्या से उबरने के लिए गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने काफी देर इस मुद्दे पर बातचीत की।