जानिए Hyderabad के निज़ाम कल्चर और इसके इतिहास के बारे में

कल देश के गृहमंत्री हैदराबाद (Hyderabad) म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन का चुनाव प्रचार कर रहे थे! उन्होंने कहा कि वे हैदराबाद को “निज़ाम कल्चर” से मुक्ति दिलाएंगे!

क्या है ये निज़ाम कल्चर?? आइये जानते हैं!

राष्ट्रपति भवन के अलावा इस देश में दो इमारतें और हैं जहाँ भारत के राष्ट्रपति एक तय मियाद के लिए रुकते हैं! …या यूँ कहें कि राष्ट्रपति भवन के अलावा देश को एक तय मियाद के लिए इन दो जगहों से चलाया जाता है!

पहला है- शिमला में स्थित “The Retreat Building”

…और दूसरा है- हैदराबाद में स्थित “राष्ट्रपति निलयम”

एक देश के उत्तर में स्थित है और दूसरा दक्षिण में! इन दोनों ही जगहों पर कमोबेश राष्ट्रपति भवन वाली सुविधाएँ मौजूद हैं!

लेकिन जब बात दूरदर्शिता की की जायेगी तो इसके अपने मायने हैं!

देश में जब भी चुनाव होते हैं तो जनता को कुछ दिनों के लिए VIP ट्रीटमेंट मिलती है! इलाकों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति बहाल कर दी जाती है! सड़कों की मरम्मत होने जाती है! सरकारी फाइलें दनादन क्लियर होने लगती हैं! राशन टाइम पर मिलने लगता है!साडी-कंबल बंटने शुरू हो जाते हैं! रैलियों में लोगों को लाने ले जाने के लिए गाड़ियों का जुगाड़ किया जाता है!

लेकिन ये अनुभव अल्पकालिक (Short experience) होते हैं! इनकी वैधता चुनाव तक ही सीमित रहती है!

चुनाव खत्म! ट्रीटमेंट खत्म!

जब भी कोई बड़ा अधिकारी अथवा मंत्री किसी योजना से सम्बंधित निरीक्षण के लिए आते हैं उस वक्त भी जनता को VIP ट्रीटमेंट मिलता है!

अस्पताल को ही ले लीजिये! मंत्री जी के आने से पहले सारे डॉक्टर नर्स वर्दी में रहेंगे! बाकी दिन लुंगी में घूमते मिलेंगे….. वो बात अलग है! मरीजों को नए कपड़े मिल जाते हैं! बिस्तरों पर साफ़ चादरें डाल दी जातीं हैं! टॉयलेट साफ़ कराये जाते हैं! फूल पत्ती गमले वगैरह लगाये जाते हैं! DDT का छिड़काव किया जाता है! गंदे और बदबूदार जगहों को छिपा जाता है!

ये अनुभव भी चंद घंटों का ही मेहमान रहता है! उधर मंत्रीजी निकले इधर सब पहले जैसा हो जाता है!

….तो ऐसा क्या किया जाय जो जनता को क्षणिक रूप में मिलने वाली यह VIP ट्रीटमेंट हमेशा के लिए बरकरार रहे?

इसके लिए दूरदर्शिता की जरूरत है! ….और यह दूरदर्शिता हमें देखने को मिलती है हैदराबाद के निजाम में! निजाम के एक फैसले की वजह से हैदराबाद रियासत की जनता हर साल VIP बन जाती है!

वाकया तब का है जब देश में रजवाड़ों का विलय हो रहा था! जूनागढ़, जम्मू-कश्मीर और हैदराबाद को छोड़ सभी रजवाड़े विलय पत्र (Merger letter) पर हस्ताक्षर कर चुके थे! आजाद भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय सेना अपने ही देश के भीतर युद्ध कर रही थी!

हैदराबाद में इस अभियान का नाम दिया गया था “ऑपरेशन पोलो”!! क्योंकि तब विश्व में सबसे ज्यादा पोलो ग्राउंड हैदराबाद में थे!

निजाम लड़ाई हार गए और उन्हें विलय पत्र पर हस्ताक्षर करना पड़ा! विलय से पहले निज़ाम ने कुछ शर्तें रखी थीं!

उन तमाम शर्तों में एक शर्त ये थी कि भारत के राष्ट्रपति को साल में कम से कम हफ्ते दिन के लिए हैदराबाद रियासत में प्रवास करना पड़ेगा!

शर्त मान ली गयी! तब से लेकर आजतक भारत का लगभग हर राष्ट्रपति हैदराबाद में प्रवास कर चुका है! वे वहां विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह में शरीक होते है! राज्य में गतिमान कई विभिन्न योजनाओं के लोकार्पण से लेकर उनकी स्थिति का जायजा लेते हैं! गणमान्य लोगों से मिलते हैं! और भी कई तरह के सांस्कृतिक व राजनैतिक कार्यक्रमों में शिरकत करते हैं!

इसकी गंभीरता का अंदाजा आप इस बात से लगाइए कि “राष्ट्रपति निलयम” से बेगमपेट हवाई अड्डे तक जाने वाली सड़क का नाम ही राष्ट्रपति रोड रख दिया गया है!

राजा को बदसूरती पसंद नहीं होती!

अब देश का महामहिम जिस इलाके में प्रवास करने वाला है तो वहां की गतिविधियां भी उसी स्तर की होंगी!

राष्ट्रपति के आगमन से महीने भर पहले से हैदराबाद को दुल्हन की तरह सजाया जाता है! सड़कें, नालियां, बैनर, पोस्टर, अतिक्रमण, पुलिस, प्रशासन, डेंटिंग, पेंटिंग, फूल, गमले- सब दुरुस्त किये जाते हैं! ….और ये हर साल होता है!

निज़ाम की इस दूरदर्शिता का नतीजा है कि आज देश में सबसे हाईटेक पुलिस हैदराबाद के पास है! क्योंकि उन्हें हर साल अपनी दक्षता साबित करनी पड़ती है!

प्रवास के दौरान राष्ट्रपति निलयम का दरवाजा आम जनता के लिए खोल दिया जाता है, जहाँ राष्ट्रपति आम लोगों से मिलते हैं! वहां उनको उपहार दिए जाते हैं!

दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस का नाम सुने हैं, जहाँ विदेशी मेहमानों को ठहराया जाता है! ये उसी निजाम का घर था!

ये है निज़ाम कल्चर!!!

अब जिस शहर से इस कल्चर को ख़तम करने की बात की गयी है, जरा उस शहर की वर्तमान हालत के बारे में जान लीजिए!

60 किमी के दायरे में चार बड़े हवाई अड्डे (दो सैन्य, दो सिविल) यदि किसी शहर में हैं तो उसका नाम है- हैदराबाद!

इस शहर में छोटे बड़े कुल 21 उच्च कोटि के कॉलेज व विश्वविद्यालय हैं!

देश को बाहुबली जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म देने वाली रामोजी फिल्म सिटी इसी शहर में है!

देश के 21 रेलवे भर्ती बोर्डों में से एक इस शहर में है!

भारतीय सेना के तीनों स्कंधों के अफसरों व जवानों के प्रशिक्षण संस्थान, अर्धसेना के जवानों व अफसरों के प्रशिक्षण संस्थान ….और तो और देश के IPS अफसरों का प्रशिक्षण संस्थान भी इसी शहर में है!

….और इस शहर में जाकर देश के गृहमंत्री कह रहे हैं कि वे इस शहर को निज़ाम कल्चर से मुक्ति दिलाएंगे!

अब अपने अभियान में वे कितना सफल हो पाते हैं, ये तो आने वाला वक्त बताएगा!! आप फ़िलहाल इस भवन को देखिये!

ये वही “राष्ट्रपति निलयम” है, जो कभी निज़ाम का आवास हुआ करता था! विलय के बाद निज़ाम से यह कोठी ले ली गयी!

90 एकड़ में फैली यह कोठी साल में कुछ दिनों के लिए राष्ट्रपति भवन में तब्दील हो जाती है! देश यहीं से चलता है!

साभार – कपिल देव

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