नई दिल्ली (शौर्य यादव): कोरोना महामारी के कारण सभी वर्गों के नियमित कामकाज़ पर भारी असर पड़ा है। आम आदमी, मजदूर, किसान और छात्र कोई भी इससे अछूता नहीं रहा। इसकी वजह से साल 2020 के दौरान कई बड़ी परियोजनाओं और शेड्यूल परीक्षाओं में भारी फेरबदलाव किये गये। ऐसे में अगले साल होने वाली परीक्षाओं को लेकर सीबीएसई अभी से ही कमर कस चुकी है। फिलहाल बोर्ड की ओर से परीक्षा के तारीखों का आखिरी ऐलान नहीं किया गया है। इसके लिए सभी स्टेक होल्डर्स (Steak holders) से बातचीत की जा रही है।
सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से ये खब़र निकलकर सामने आ रही है कि, बोर्ड की परीक्षाओं का आयोजन जब भी होगा वो लिखित माध्यम में ही होगा। परीक्षा को किसी भी हाल में ऑनलाइन मोड में आयोजित नहीं किया जायेगा। साथ परीक्षा केन्द्र पर आने वाले परीक्षार्थियों को कोविड प्रोटोकॉल (Covid protocol) के सभी मानदंडों का पालन करना होगा। जिसके लिए उन्हें तयशुदा वक्त से पहले परीक्षा केन्द्र पर पहुँचने की एडवायजरी भी जारी की जायेगी। साथ ही कयास लगाये जा रहे है कि एक्जाम सेन्टर पर पहुँचने के साथ ही छात्रों को रोल नंबर का साथ कोरोना सेल्फ स्क्रीनिंग फॉर्म भी अनिवार्य किया जा सकता है।
इसके साथ ही वे सभी विद्यार्थी जो प्रैक्टिकल में शामिल नहीं हो पायेगें, उनके लिए वैकल्पिक रास्ते तलाशे जायेगें। हालांकि इस अभी आखिरी फैसला लिया जाना बाकी है। इस प्रक्रिया में शामिल सभी हितधारकों से सीबीएसई लगातार उच्चस्तरीय बैठक कर रही है। इस मसले पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Union Education Minister Ramesh Pokhriyal Nishank) ने ट्विट कर लिखा कि- प्रिय छात्रों मैं ये अच्छे समझता हूँ कि, साल 2020 आपके लिए अच्छा नहीं रहा। आप लोग अपने भविष्य को लेकर काफी फ्रिकमंद है। 3 दिसम्बर को मैं प्रतियोगी/बोर्ड परीक्षाओं के बारे चर्चा करूंगा। आप लोग अपने चिंता और सुझाव #EducationMinisterGoesLive पर साझा कर सकते है।
शिक्षा निदेशालय (DoE) ने इस मुद्दे पर लिखा था कि, दिल्ली में बोर्ड परीक्षा की परीक्षा देने वाले छात्रों की सबसे ज़्यादा तादाद है। ऐसे में परीक्षायें मई तक की जानी चाहिए। ऐसा पहली बार होगा कि साल 2021 की बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले छात्रों का बैच क्लास रूम की पढ़ाई से महरूम रहा। प्रैक्टिकल परीक्षाओं को लेकर प्रधानाचार्यों, शिक्षकों और छात्रों के बीच काफी चिंता का माहौल बना हुआ है। खासतौर से बारहवीं कक्षा के विज्ञान के वे छात्र जिन्हें प्रैक्टिकल एक्जाम में 30 अंक मिलते है।
बोर्ड के अधिकारी प्रैक्टिकल परीक्षा कराने को लेकर काफी पशोपेश में है। जिसके लिए व्यावहारिक वैकल्पिक व्यवस्था की खोज की जा रही है। COVID19 के कारण साल 2021 के बोर्ड में बैठने वाले छात्रों का सिलेबस 30 फीसदी कम हो गया था। शिक्षकों के अनुसार प्रैक्टिकल में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली सरकार ने सिलेबस में और कमी करने का अनुरोध किया है।
COVID19 के कारण छात्रों के इस बैच के लिए, पाठ्यक्रम लगभग 30% कम हो गया था। हालांकि, प्रैक्टिकल के लिए, शिक्षकों के अनुसार कोई बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली सरकार ने सिलेबस में और कमी करने का अनुरोध किया था। हालाँकि CBSE ने प्रश्न-पत्र में थोड़ा बदलाव किया है, जिसके तहत बहु-विकल्प वाले प्रश्नों की संख्या बढ़ा दी गयी है।