न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर हो रहा किसानों का विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) एक बार फिर उग्र होता दिख रहा है। किसानों ने फिर से अर्धसैनिक बलों के तैनाती के बावजूद टीकरी, झड़ौदा, झटीकरा और गाज़ीपुर बॉर्डर पर रोड ब्लॉक कर दिया है। विज्ञान भवन (Vigyan Bhawan) में चल रही मीटिंग में केन्द्र सरकार की प्रतिनिधि और 40 किसान संगठनों के नेताओं के बीच फिलहाल समझौता बनता नहीं दिख रहा है। वक्त बीतने के साथ किसान दिल्ली के घेराव की किलेबंदी लगातार मजबूत करते जा रहे है।
यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर किसान के नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन-टिकैत (भाकियू-टिकैत) ने संभाल रखा है। कामकाजी दिन होने की वजह से गाजियाबाद, साहिबाबाद, इन्द्रापुरम, नोएडा और ग्रेटर-नोएडा की तरफ से होने वाले ट्रैफिक आवागमन पर धीरे-धीरे इसका असर पड़ता दिख रहा है। अब इसी मामले को लेकर अवॉर्ड वापसी करने का सिलसिला भी जारी हो गया है। अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल (Senior Akali Dal leader Parkash Singh Badal) ने पद्म विभूषण सम्मान और सुखदेव सिंह ढींढसा ने पद्म भूषण वापसी करने की पेशकश की है।
भाजपा पर ज़वाबी हमला करते हुए न्यूज़ एजेंसी एएनआई से सुखबीर सिंह बादल ने कहा- कई बुजुर्ग महिलाएं किसान आंदोलन में। क्या सभी खालिस्तानी (Khalistani) हैं? यहां किसानों को एंटी-नेशनल बताया जा रहा। भाजपा की हिम्मत कैसे हुई किसानों को राष्ट्रविरोधी कहने की। भाजपा किस हैसियत से राष्ट्रविरोधी होने, ना होने का प्रमाण पत्र बांट रही है। इन किसानों ने अपने पूरी ज़िन्दगी देश के नाम कर दी। और आज इन्हें भाजपा की ओर से राष्ट्र विरोधी होने का तमगा दिया जा रहा है। सही मायने में वो लोग ही राष्ट्र विरोधी है।
अकाली दल और किसान संगठन सड़कों पर उतरकर लगातार केन्द्र सरकार पर दबाव बना रहे है। फिलहाल उग्र हो रहे किसान आंदोलन के बीच ढांसा, पालम विहार, दौराला, कपसेरा, NH 8, बिजवासन/बजघेरा, रजोखरी, और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हुए है। आने वाले दिनों में किसान जरूरी वस्तुओं की सप्लाई रोक सकते है। फिलहाल इसका असर आजाद पुर और ओखला मंडी (Azad Pur and Okhla Mandi) में सब़्जियों की आवाक़ पर पड़ने लगा है।