न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): किसान आन्दोलन (Farmers Protest) के 13वें दिन बुधवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के साथ बैठक को ‘सकारात्मक’ बताते हुए बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि सरकार किसान नेताओं को आज संशोधित प्रस्ताव देगी जिस पर बाकी किसानों द्वारा चर्चा की जाएगी।
टिकैत ने कल बैठक के बाद कहा, “मैं कहूंगा कि बैठक सकारात्मक थी। सरकार ने हमारी मांगों पर संज्ञान लिया है और कल हमें एक मसौदा दिया जाएगा, जिस पर हम विचार-विमर्श करेंगे।”
उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि किसान तीन कृषि बिलों को वापस लेना चाहते थे, जबकि सरकार संशोधन करना चाहती थी। उन्होंने कहा, “हमें अभी तक एक और बैठक की तारीख नहीं मिली है। विरोध जारी रहेगा।”
किसान यूनियनों के नेताओं ने मंगलवार को अमित शाह (Amit Shah), कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Commerce Minister Piyush Goyal) के साथ सितंबर में पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के बारे में अपनी मांगों को लेकर एक बैठक की।
बैठक के बाद, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह (Hannan Mollah) ने मीडियाकर्मियों से कहा कि केंद्र के साथ बैठक, जो आज (बुधवार) होने वाली थी, रद्द हो गई और उन्हें सरकार से एक प्रस्ताव मिलेगा, जिस पर वे विचार-विमर्श करेंगे।
मोल्ला ने कहा, “कल हम (किसान) सिंघू सीमा (दिल्ली-हरियाणा सीमा) पर दोपहर 12 बजे एक बैठक करेंगे।”
इस बीच, माकपा CPI (M) महासचिव सीताराम येचुरी (general secretary Sitaram Yechury) ने कहा कि विपक्षी दलों का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल आज शाम राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात करेगा।
उन्होंने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए बताया, “प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी (Rahul Gandhi), शरद पवार (Sharad Pawar) और अन्य नेता शामिल होंगे। COVID -19 प्रोटोकॉल के कारण, केवल 5 लोगों को उनसे मिलने की अनुमति दी गई है।” राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता आज मिलेंगे और नए कृषि कानूनों पर सामूहिक रुख अपनाएंगे।
उन्होंने कहा, “विभिन्न राजनैतिक दलों के 5-6 लोग सामूहिक बैठक करने, चर्चा करने और राष्ट्रपति के साथ शाम 5 बजे मिलने जा रहे हैं। हम उनके समक्ष अपना सामूहिक रुख पेश करेंगे।”
राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर 26 नवंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे देश भर के किसानों ने मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया था। इसे कई राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त था।
सरकार और किसान यूनियनों ने अब तक पाँच दौर की वार्ता की है। तोमर और गोयल, जो खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री भी हैं, पिछले दौर की बातचीत में मौजूद रहे हैं। मंगलवार की बैठक लगभग 8:30 बजे शुरू हुई और इसमें किसान यूनियनों के 13 नेताओं ने भाग लिया।