गृहयुद्ध की आग में झुलसने वाला है Pakistan, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने कसा शिकंजा

न्यूज़ डेस्क (पाकिस्तान): पाकिस्तानी हुक्मरानों के लिए कल का दिन काफी चुनौतीपूर्ण है। कल 11 दलों के विपक्षी दलों की अगुवाई वाला संगठन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (Pakistan Democratic Movement-PDM) ने लाहौर में इमरान सरकार के खिलाफ रैली का आयोजन किया है। इस आंदोलन की कमान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी संभालेगें। इससे पहले PDM सरकार के खिलाफ पांच रैलियां निकालकर सरकार के खिलाफ माहौल तैयार कर चुका है। बिलावल ने दावा किया कि- लाहौर की रैली के बाद इमरान खान अलग-थलग पड़ जायेगें।

बिलावल के मुताबिक- इमरान सरकार जन भावनाओं को कुचल रही है। आवाम़ की मंशा के खिलाफ कोई गलत बुनियाद का सहारा लेकर ज़्यादा दिनों तक कोई कायम नहीं रह सकता। लाहौर में होने वाली रैली के बाद इमरान सरकार खिलाफ हम एक पुख्ता मुक़ाम हासिल कर लेगें। दूसरी मुहिम को हासिल करने से पहले ही इमरान तख़्त छोड़ देगें। विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने एडवायजरी जारी करते हुए रैली पर आंतकी हमले की आंशका जतायी है। हालांकि हमला कहां और किस जगह होगें। इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी है। इंटलीजेंस एजेंसियों ने एहतियातन तहरीक-ए-तालिबान की गतिविधियों को सख्त निगरानी सूची में डाल दिया है।

शांति-व्यवस्था और गृहयुद्ध की संभावनाओं को देखते हुए इस्लामाबाद, कराची और लाहौर के कई इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिसके तहत सार्वजनिक सभाओं, धरना-प्रदर्शनों और जलूस निकालने पर सख्त पाबंदी लागू की गयी है। अगले दो महीनों के लिए पोस्टर लगाना, दीवारों पर स्लोगन लिखना, पंपलेट बंटाना और आतिशबाज़ी पर रोक लगा दी गयी है। इसके साथ ही आवासीय योजनाओं के इश्तिहारों और प्लॉटों की रजिस्ट्री पर भी रोक लगा दी गयी है। सभी प्रान्त मुख्यालयों पर प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है।

डॉन के हवाले से ये खब़र भी सामने आ रही है कि पब्लिक एड्रैस सिस्टम्स पर रोक लगा दी गयी है। जिससे कि भड़काऊ तकरीरों लगाम लगायी जा सके। पाकिस्तान में लगातार ऐसी घटनायें घट रही है, जिससे साफ होता है कि कभी भी गृहयुद्ध की आग में झुलस सकता है। ब्लूच रेजिमेंट के सैनिकों में बढ़ता असंतोष, सेना और पुलिस के बीच झड़पें, कबालयी इलाकों में स्वायत्ता की बढ़ती मांग और बेरोजगारी-मंहगाई जैसी वज़हें जल्द नागरिकों में भारी असंतोष पैदा करने वाली है। फिलहाल इन हालातों पर इमरान खान का कोई नियन्त्रण नहीं है।

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