नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): आम आदमी को अक्सर टेलीकॉम कंपनी और ई-वॉलेट कंपनियों से रिफंड (Refund) हासिल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। गलत ट्रांजेक्शन (Wrong transaction) के चक्कर में पैसे वापस पाने के लिए अच्छा खासा समय बर्बाद करना पड़ता है। इसके साथ ही अगर बच्चे अपनी नासमझी के कारण मोबाइल हैंडसेट का गलत बटन दबाकर वित्तीय लेन-देन कर दे तो पैरेन्ट्स के लिए सिरदर्दी काफी बढ़ जाती है। हाल ही में कुछ ऐसा वाकया देखने को मिला। जहां एक बच्चे की नासमझी के कारण उसकी माँ को 11 लाख रूपये की चपत लग गयी।
मामला न्यूयॉर्क के विल्टन शहर का है। जहां एप्पल यूजर जेसिका ने आईपैड से अपने बैंक की ट्रांजेक्शन का सीधे तौर पर जोड़ रखा है। उनके बेटे ने iPad पर गेम्स खेलते हुए एप्पल से तकरीबन 16,000 डॉलर (करीब 11 लाख भारतीय रुपये) की पेड एप खरीद डाली। जेसिका का बेटा जॉर्ज iPad पर सेगा सोनिक फोर्स गेम (Sega Sonic Force Game) खेल रहा था। इसी बीच जॉर्ज ने एप्पल प्ले स्टोर से कई पेड गेम खरीद डाले। जिसके लिए करीब 25 ट्रांजेक्शन्स उसने कर डाले।
मामला सामने आने पर पहले तो जेसिका को विश्वास नहीं हुआ। जिसके बाद उसने अपने बैंक से सम्पर्क किया। जहां उसे जानकारी हासिल हुई कि, उसके खाते से किये गये सभी संदिग्ध वित्तीय लेन-देन एप्पल को किए गए हैं। छानबीन करने पर जेसिका को आईपैड के द्वारा हुई ट्रांजेक्शन्स का पता लगा। एप्पल से सम्पर्क करने पर उसे लेन-देन की सभी जानकारियां मुहैया करवा दी गयी। जब महिला ने एप्पल से पैसे वापसी की गुहार लगायी तो, कंपनी की ओर इसे खाऱिज कर दिया गया।
महिला के मुताबिक ये गैर-इरादतन लेन-देन (Non-willful financial transaction) था। एप्पल ने दावा किया कि खरीदे गये सभी ऐप्प 1.99 डॉलर्स लेकर 99.99 डॉलर्स के बीच के है। जिन्हें जुलाई से लेकर नवंबर महीने के बीच खरीद गया। ट्रांजेक्शन हुए लंबा समय बीत गया है। ऐसे में पैसे वापसी की कोई गुंजाइश नहीं है। महिला के मुताबिक इसके कारण उसकी वित्तीय स्थिरता डगमगा रही है। जिसके कारण वो होम लोन चुकाने में असमर्थ है। आखिर में महिला ने अपनी कमी मानी। अगर वो अपने अकाउंट पर पैरेन्ट्ल लॉक लगाती तो, उसे इस मुसीबत में नहीं फंसना पड़ता।
गूगल औऱ ऐप्पल दोनों ही पैरेन्टल कन्ट्रोल से जुड़े ऐप उपलब्ध करवाती है। जिससे मदद से माता-पिता की मर्जी के बगैर बच्चा डिवाइस एक्सेस नहीं कर पाता है। साथ ही इसकी मदद बच्चे क्या सर्च करते है, इस पर भी निगरानी की जा सकती है। इन ऐप्स का सबसे बड़ा फायदा ये रहता है कि बच्चे अभिभावकों की मर्जी के बगैर ऑनलाइन लेन-देन नहीं कर सकते है। इस घटना के बाद पैरेंट्स में पैरेन्टल कन्ट्रोल ऐप (Parental Control App) से जुड़ी जागरूकता जरूर फैलेगी।