न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): बलूचिस्तान (Balochistan) में हुए एक हमले में सात पाकिस्तानी ज़वानों की मौत हो गयी। सैन्य सूत्रों के मुताबिक इस हमले को अलगाववादी विद्रोहियों ने बीते शनिवार देर रात अन्जाम दिया। हमलावरों ने हरनई इलाके में फ्रंटियर कोर की सैन्य एक चौकी (Frontier Corps military post) पर स्वचालित हथियारों से हमला किया। इस दौरान ज़वाबी कार्रवाई में दोनों तरफ से जमकर फायरिंग हुई। जानकारी मिलते ही अतिरिक्त सुरक्षा बलों का हालातों पर नियन्त्रण पाने के लिए रवाना किया गया। जिसके बाद इलाके की सैन्य घेराबंदी करके बड़े पैमाने पर सघन तलाशी अभियान छेड़ा गया।
घटना पर दुख जाहिर करते हुए पाकिस्तातनी सेना ने इसे पाकिस्तान विरोधी ताकतों की करतूत बताया। साथ ही दावा किया कि ऐसे हरकतों से बलूचिस्तान की अमनपरस्ती को नुकसान नहीं पहुँचने दिया जायेगा। इसी मुद्दे पर बयान देते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि- हमले में शहीद ज़वानों की शहादत काफी आहत करने वाली है। शहीदों के परिजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनायें और सहानुभूति है। इसी प्रकरण पर समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक इमरान (Imran Khan) ने इस हमले के लिए भारत को सीधे तौर पर जिम्मेदार माना है।
बलूचिस्तान के शांति हालात लगातार चरमरा रहे है। पिछले हफ्ते कई धमाके और गोलीबारी की वारदातें सामने आयी। इस्लामाबाद मानता है कि बलूच राष्ट्रवादी संगठन से जुड़े चरमपंथी गुटों (Extremist groups associated with Baloch nationalist organization) को भारत से सीधे मदद मिलती है। जिससे वो इलाके में अस्थिरता फैलाते है। इन सबकी देखरेख खुद भारतीय एनएसए अजित दोभाल करते है। दूसरी ओर बलूचिस्तान प्रांत से चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। जिसका विरोध स्थानीय लोगों सहित इलाके के अतिवादी संगठन भी करते आये है। नतीजन आये दिन सुरक्षा बलों की चौकियों और काफिले पर हमले होते रहते है।