न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): एक माह से चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) को शांत करने के लिए आज केंद्र सरकार और किसान प्रतिनिधियों के मध्य छठे दौर की वार्ता हुई। इस बैठक के बाद केन्द्र सरकार ने किसानों के लिए एक समिति बनाने का प्रस्ताव दिया। इस बैठक के बाद भी दोनों पक्ष अभी भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। आपसी सहमति कायम करने के लिए 4 जनवरी को एक दौर की वार्ता दोनों पक्षों के बीच होगी। बीते सोमवार कैबिनेट नरेन्द्र सिंह तोमर ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा था कि, अब जल्द ही गतिरोध दूर हो जायेगा।
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने मीडिया से कहा कि- सरकार बातचीत के जरिए मामले को सुलझाना चाहती है तो यह अच्छी बात है। किसान तो बातचीत के लिए तैयार हैं। किसान बातचीत में अड़चन पैदा नहीं कर रहे हैं। बॉर्डर सील होने से जनता को नुकसान हो रहा है। यह हमारी मजबूरी है, अपनी बात कहां रखे?
बैठक के दौरान किसान नेताओं और केन्द्र सरकार के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल (Amicable atmosphere) कायम हो सके, इसके लिए विज्ञान भवन में लंच ब्रेक के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के साथ ही दोपहर का भोजन किया।
बैठक के दौरान केन्द्र सरकार ने साफ कर दिया कि, कानून रद्द नहीं होगें। न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने पर विचार किया जा सकता है, लेकिन उसके लिए पहले किसान नेताओं को आंदोलन वापस लेना होगा। इस बीच कुछ किसान प्रतिनिधियों ने आंदोलन के दौरान मारे गये किसान के परिवार के लिए मुआवजे की भी मांग की। इस वार्ता कार्यक्रम के दौरान किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में खास बात ये रही कि, इस बार भी किसानों के लिए दोपहर के खाने की व्यवस्था गुरूद्वारे से की गयी थी। जिसके लिए विज्ञान भवन (Vigyan Bhawan) में कार सेवा का टेम्पो जाता हुआ दिखा।