Ghaziabad हादसे में बड़ी कार्रवाई, कई संबंधित अधिकारी गिरफ्तार, ठेकेदार हुआ फरार

न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): गाजियाबाद (Ghaziabad) में श्मशान घाट का लेंटर गिरने से 23 से ज़्यादा लोगों की मौत और 20 से ज़्यादा लोगों के घायल होने के मामले में, उत्तर प्रदेश प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई को अन्ज़ाम दिया। जिसके तहत एक्जीक्यूटिव इंजीनियर निहारिका सिंह, जूनियर इंजीनियर चंद्रपाल सिंह, और सुपरवाइजर आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन सभी को तैनाती गाजियाबाद नगरपालिका (Ghaziabad Municipality) में है। मामले में नामजद ठेकेदार अजय त्यागी फिलहाल फरार चल रहा है। इन सभी के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने भ्रष्टाचार, गैर इरातदन हत्या और काम में लापरवाही की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। घटना से आहत स्थानीय लोगों ने अपने परिजनों के शव राजमार्ग पर रखकर चक्का जाम कर दिया है। जिसकी वज़ह से दिल्ली-मेरठ हाइवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। इसकी वज़ह से मुरादनगर पुलिस को कई जगह ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ रहा है।

इस हादसे पर कई बड़ी राजनीतिक हस्तियों ने सोशल मीडिया पर शोक जताया था। जिसके बाद ये हाई प्रोफाइल बन गया। यूपी पुलिस पर फौरी कार्रवाई के बनते दबाव के बीच मोदीनगर तहसील में बीते रात कमिश्नर अनीता सी मेश्राम और पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसके बाद पुलिस ने ये कदम उठाने का फैसला किया। श्मशान घाट में ये हादसा तब हुआ, जब जयराम नामक एक शख़्स का दाह संस्कार हो रहा था। इस दौरान श्मशान घाट का लेंटर गिर गया। घटना की खब़र काफी तेजी से सोशल मीडिया पर फैली।

मृतक के पुत्र ने इस हादसे के बाद पुलिस में लिखित तहरीर दायर की। जिसमें उसने संबंधित अधिकारियों पर घटिया निर्माण सामग्री (Substandard building materials) इस्तेमाल करने और घोटाले को आरोप लगाया। साथ ही हादसे में हुई मौतों के लिए नगरपालिका के संबंधित अधिकारियों के दोषी बताया। लिखित शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी गयी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के मुताबिक घटना की छानबीन के साथ ही निर्माण सामग्री के सैम्पल की भी जांच की जायेगी। फिलहाल जिन लोगों का इलाज चल रहा है, वो लोग बुरी तरह दिमागी सदमें की चपेट में है।  

हादसा इतना दर्दनाक था कि, कुछ लोग दबने के बाद चिल्लाकर मदद भी नहीं बुला सके। जेसीबी की मदद से मलबा हटाकर कई घायलों और शवों को बाहर निकाला गया। मृतक के अंतिम संस्कार के समय 50 से ज़्यादा लोग श्मशान घाट पर मौजूद थे। घटना के बाद खोखली व्यवस्था की पोल खुलती भी दिखी। कई घायलों ने मदद ना मिलती देख पास में रहने वाले परिजनों को मदद के लिए बुलाया। कुछ घायल अपने इलाज के लिए निजी वाहनों और बस से एमएमजी जिला अस्पताल पहुँचे। कई घायल वक्त रहते इलाज ना मिल पाने के कारण भी ज़िन्दगी की जंग हार बैठे।

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