नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): तीन केन्द्रीय कृषि कानून को लेकर हो रहा किसान आंदोलन (Kisan Andolan) लगातार केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए नयी कवायदों पर जोर दे रहा है। इसी क्रम में बारिश और सर्दी को दरकिनार करते हुए आज दिल्ली की सीमाओं और पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (Peripheral Expressway) पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है। इस बीच स्थानीय पुलिस और सुरक्षाबलों की कड़ी तैनाती देखी गयी। हालांकि ये ट्रैक्टर बीते बुधवार को निकाला जाना तय किया गया था, लेकिन विपरीत मौसमी हालातों के चलते इसे आज निकाला गया।
कल किसान प्रतिनिधियों और केन्द्र सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता है। उससे ठीक पहले किसानों का ट्रैक्टर मार्च शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। अगर कल होने वाली वार्ता विफल रहती है तो, एक बार फिर से 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर, किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा की अगुवाई में ट्रैक्टर मार्च निकाला जायेगा। जिसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों (Security agencies) में खलबली का माहौल है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आमतौर पर दिल्ली एनसीआर हाई अलर्ट मोड पर रहते है। ऐसे में गणतंत्र दिवस समारोह और किसान आंदोलन दोनों जगह की सुरक्षा और निगरानी टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।
इन्हीं हालातों के मद्देनज़र उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के डीसीपी ने किसानों से अपील करते हुए दरख्वास्त की कि, आंदोलन को पहले की तरह किसान शांतिपूर्ण रखे। किसी तरह की अव्यवस्था ना फैलने दे। जिसके लिए वो व्यक्तिगत रूप से किसान संगठनों के सम्पर्क में लगातार बने हुए है। गाजियाबाद के एडीएम (सिटी) शैलेंद्र कुमार सिंह की अगुवाई में ट्रैफिक व्यवस्था और ड्रोन निगरानी (Traffic system and drone monitoring) जैसे काम बेहतरीन ढंग से अन्ज़ाम दिये जा रहे है। कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) टोल प्लाज़ा पर भी हरियाणा पुलिस की ओर से अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती की गयी है, ताकि ट्रैक्टर मार्च को KMP में दाखिल ही ना होने दिया जाये। अलग-अलग जगह के धरना स्थलों के मुताबिक ट्रैक्टर मार्च के अलग-अलग रूट्स तय किये गये है।
ट्रैक्टर मार्च के रूट्स की बात करें तो राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ पलवल से सिंघू बार्डर की ओर बढ़ रहा है। नोएडा से गाज़ीपुर, गाज़ीपुर-डासना-अलीगढ़ रोड, नोएडा-पलवल, सिंघू बार्डर-टीकरी सिंघू बार्डर-गाज़ीपुर इन सभी रूट्स पर अलग-अलग किसान संगठनों की अगुवाई में ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है। ज़्यादातर निर्धारित पर जाने के बाद वापसी करेगें। ऐसे में दिल्ली एनसीआर का ट्रैफिक जाम होना तय है। इस बीच मौसमी हालातों को देखते हुए किसान संयुक्त समिति को अतिरिक्त इंतज़ाम करने पड़े। जिनमें खासतौर से वाटरप्रूफ टेंट (Waterproof tent) शामिल है। जिससे कि प्रदर्शनकारी बारिश और सर्दी में भी मोर्चे पर डटे रहे।