एंटरटेनमेंट डेस्क (नई दिल्ली): अमिताभ बच्चन की पोती, नव्या नवेली नंदा (Navya Naveli Nanda) बॉलीवुड के उन स्टार किड्स में से एक हैं, जिन्होंने एक्टिंग इंडस्ट्री में आने के बजाय एक अलग करियर चुना हैं। नव्या ने महिलाओं के लिए एक स्वास्थ्य मंच की स्थापना की है, जिसका नाम है आरा हेल्थ (Aara Health) जहां कई स्वास्थ्य मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
नव्या हाल ही में एक इंस्टाग्राम लाइव सत्र में अपने तीन अन्य संस्थापकों के साथ पुरुष प्रधान उद्योग में एक महिलाओं की असुरक्षा के बारे में बात करती नज़र आई।
उन्होंने लाइव सेशन के दौरान Mansplaining के बारे में बात की। जब पुरुष महिला के शुभचिंतक बनने की आड़ में अपनी बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन करते है तो उसे Mansplaining कहा जाता है। अपने लाइव सेशन के दौरान नव्या ने कहा कि, “जब आप काम के लिए नए लोगों से मिल रहे हैं और उनसे बात कर रहे हैं, तो हमेशा ऐसा ही होता है … इस बात की चिंता न करें कि वे आपके बारे में क्या सोच रहे हैं बल्कि ये सोचने की जरुरत है कि, हमें खुद को साबित करने की आवश्यकता है।” क्यूंकि हम जिस स्पेस में हैं, उसमें काफी हद तक पुरुषों का वर्चस्व है।”
“जब हम किसी दुकानदार या डॉक्टर या फिर जब हम किसी से से बात करते है जो अक्सर पुरुष होते है तो हमे स्पॉटलाइट में रखा जाता है। वो हमसे बहुत ही जो बहुत ही कृपालु तरीके से हमारे साथ बात करते है। यह उन स्थितियों में है जहाँ आपको लगता है कि आपको अपने आप को साबित करने की आवश्यकता है और लेकिन आपको ये जरूरी नहीं लगता क्योंकि यह आपको पागलपन लगता है। लेकिन हम सभी उन स्थितियों में रहे हैं और मुझे लगता है कि चिंता वहीं से शुरू होती है, जैसे कि ‘यह व्यक्ति मुझसे ऐसे क्यों बात कर रहा है जैसे मैं बेवकूफ हूं?’ यह वह जगह है जहां मुझे लगता है, ‘ठीक है, मुझे खुद को साबित करने की जरूरत है।’ मुझे शुरुआत में यह धारणा बनाने की जरूरत है कि मुझे पता है कि मैं किस बारे में बात कर रही हूं और आपको मेरे लिए एक कृपालु (condescending) तरीके से हर एक बात समझाने और बात करने की जरूरत नहीं है।”
इसके अलावा, नव्या अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर कई दूसरे सामाजिक मुद्दों पर भी काफी मुखर हैं।