BJP के खिलाफ लेफ्ट पार्टियों ने TMC को दिखाया ठेंगा, कांग्रेस ने कही विलय की बात

नई दिल्ली (शौर्य यादव): मौजूदा हालातों में BJP तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऊपर बंगाल चुनावों में औवेसी का आना ममता बनर्जी के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। जिससे उन्हें अपना सियासी किला ढ़हता दिख रहा है । बंगाल विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा ने काफी आक्रमक रणनीति (Aggressive strategy) अख्तियार कर रखी है। भाजपा अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमितशाह, कैलाश विजयवर्गीय और दिलीप घोष की मजबूत किलेबंदी के सामने टीएमसी बेबस नज़र आ रही है। जिसके चलते ममता बनर्जी ने वामपंथी दलों और कांग्रेस से हाथ मिलाने की पेशकश की।

इसी के मद्देनजर बीते बुधवार को तृणमूल कांग्रेस अपील करते हुए कहा कि, अब वक्त आ गया है कि भारतीय जनता पार्टी सांप्रदायिक और विभाजनकारी सियासत (Communal and divisive politics) के खिलाफ बंगाल में ममता बनर्जी के समर्थन में एकजुट हुआ जाये। टीएमसी की इस अपील को दोनों ही तरफ से कोई खास तव्ज़जों नहीं दी गयी। बल्कि कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस की इस पेशकश पर सलाह देते हुए कहा कि, भाजपा के खिलाफ लड़ाई में गठबंधन बनाने की जगह देना चाहिए टीएमसी को अपना विलय कांग्रेस में कर लेना चाहिए।

टीएमसी की इस अपील ने पूरी तरह साफ कर दिया है कि, आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में वो अकेले अपने दम पर भाजपा से नहीं टकरा सकती। जिसके लिए उसे गठबंधन में मजबूत राजनीतिक सहयोगियों (Political allies) की तलाश है। कांग्रेसी नेता अधीर रंजन चौधरी के मुताबिक जिस तरह से भाजपा पश्चिम बंगाल में अपनी मजबूत पकड़ बना रही हैं। उसके पीछे खुद तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। हमें तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। अगर ममता बनर्जी भाजपा की सांप्रदायिक ताकतों से टकराने के लिए इतनी ही उतावली है तो, उन्हें कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए।

इस मामले पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती की काफी दिलचस्प प्रतिक्रिया देखने को मिली। उन्होंने कहा कि, ठीक इसी तर्ज पर भाजपा भी वाममोर्चा को अपने खेमे में लेने की कोशिश कर रही है। जो कि दिखाता है कि वाम मोर्चा अभी भी काफी अहम किरदार प्रदेश की राजनीति में अदा कर रहा है। आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही हमारी धमक का एहसास हो जाएगा। इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि- तृणमूल कांग्रेस की ये कवायद दिखाती है कि पार्टी में कितनी बेचैनी और हताशा भरी हुई है। वो अकेले अपने दम पर भाजपा से नहीं टकरा सकती। इसीलिए गठबंधन के सहयोगियों को तलाशा जा रहा है। इस बात से साबित है कि सिर्फ एक मात्र भाजपा ही प्रदेश में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ प्रांसागिक विकल्प (Relevant Options) है।

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