न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) के अनुसार, 16 जनवरी को, महिपाल सिंह को COVID-19 टीका लगाया गया और 17 जनवरी को, उन्होंने सीने में दर्द और सांस फूलने की शिकायत की जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के एक जिला अस्पताल में 52 वर्षीय वार्ड ब्वॉय की रविवार को COVID -19 वैक्सीन मिलने के एक दिन बाद मौत हो गई। सोमवार को, अधिकारियों ने कहा कि कार्डियोपल्मोनरी (cardiopulmonary) बीमारी के चलते महिपाल सिंह की मौत हुई है।
CMO मुरादाबाद, एम. सी. गर्ग ने कहा कि 16 जनवरी को महिपाल सिंह को कोविशिल्ड (Covishield) की पहली खुराक दोपहर 1 बजे दी गई थी। रविवार को उन्होंने सीने में दर्द और सांस फूलने की शिकायत की और जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
उन्होंने एक बयान में कहा, “दिशानिर्देशों के अनुसार, टीकाकरण के बाद, उन्हें 30 मिनट के लिए अवलोकन कक्ष (observation room) में रखा गया था, इस दौरान उन्हें कोई शिकायत नहीं हुई।” उन्होंने कहा कि 16 जनवरी को 91 लोगों को जिला अस्पताल मुरादाबाद में कोविशिल्ड की पहली खुराक दी गई थी और वे सभी पूरी तरह से स्वस्थ थे।
महिपाल सिंह के बेटे विशाल ने संवाददाताओं से कहा कि उनका मानना है कि उनके पिता की मृत्यु टीके के दुष्प्रभावों के कारण हुई। विशाल ने कहा कि, टीकाकरण के बाद, वह अपने पिता को लगभग 1.30 बजे घर ले गये। उन्हें पहले से ही निमोनिया, खांसी और जुकाम था, लेकिन घर लौटने के बाद [vaccine के बाद] उन्हें तकलीफ होने लगी। हमने उन्हें गर्म पानी और चाय दी और उन्हें बिस्तर पर लेटा दिया।
सीएमओ ने शनिवार को कहा कि मृत्यु “वैक्सीन की प्रतिक्रिया के कारण नहीं हुई है”। महिपाल ने रात की ड्यूटी भी की थी और उसे किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। रविवार को सरकार ने शव परीक्षण के आधार पर एक रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया है कि महिपाल की मृत्यु कार्डियोोजेनिक (cardiopulmonary) बीमारी के कारण कार्डियोजेनिक (cardiogenic) और सेप्टिकैमिक (septicaemic) सदमे से हुई।
तीन डॉक्टरों के एक पैनल ने पाया कि उसके दिल का वजन 200 ग्राम की सामान्य सीमा के मुकाबले 500 ग्राम था। उन्होंने फेफड़ों में मवाद भी पाईं गई।
सीएमओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आगे की जांच के लिए फेफड़े, दिल और रक्त सुरक्षित रख लिए गये है।