न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): आयकर विभाग (Income Tax department), मुखबिरों के लिए एक नई योजना लेकर आया है। आईटी विभाग के अनुसार, जो व्यक्ति काले धन के बारे में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) को जानकारी देगा, उसे अब इनाम में 5 करोड़ रुपये तक मिलेंगे।
यह योजना मंगलवार से लागू हो गई और 2007 के दिशानिर्देशों में केंद्र द्वारा दिए गए वादे की तुलना में 5 करोड़ रुपये का इनाम काफी बड़ा है।
इनकम टैक्स इंफॉर्मेंट्स रिवार्ड्स स्कीम 2018 के मुताबिक मुखबिर को 2015 के ब्लैक मनी एक्ट के तहत अघोषित विदेशी संपत्ति (undisclosed foreign assets) के बारे में जानकारी देने पर, जानकारी देने वाले को और ज्यादा इनाम मिलेगा।
केंद्र ने अधिक मुखबिरों को प्रोत्साहित करने और काले धन और अघोषित संपत्ति की अधिक मात्रा को जब्त करने के उद्देश्य से इनाम में वृद्धि की है।
विशेषज्ञों के मुताबिक मुखबिर जल्द ही अंतिम पुरस्कार प्राप्त करने की उम्मीद नहीं कर सकते क्योंकि defaulters अक्सर कई कानूनी विकल्पों का उपयोग करते हैं जिसके चलते करवाई करने में बहुत समय लगता है।
विदेश में कर चोरी के बारे में जानकारी एक विशिष्ट श्रेणी के रूप में मानी जाएगी और केंद्र द्वारा शुरू की गई नई योजना के तहत जानकारी देने वाले को अधिक पुरस्कृत किया जाएगा।
अगर मुखबिरों द्वारा दी गई टिप से आईटी विभाग को कोई मदद मिलती है तो मुखबिरों को एक अंतरिम पुरस्कार और एक अंतिम यानी दो पुरस्कार मिलेंगे।
यदि टिप के जरिये 50 लाख रुपये तक की विदेशी संपत्ति की जानकारी दी जाती है तो अंतरिम पुरस्कार, टैक्स देनदारी (tax liability) का 3% होगा।
भारत में कर चोरी के बारे में जानकारी के लिए, मुखबिर को अधिकतम अंतरिम पुरस्कार 10 लाख रुपये मिलेगा।
लेकिन अगर जब्त की गई नकदी 1 करोड़ रुपये से अधिक है, तो अंतरिम राशि 15 लाख रुपये से अधिक हो सकती है। अंतिम इनाम टैक्स देनदारी का 5 प्रतिशत और 50 लाख रुपये तक का होगा।