नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee-CWC) की बैठक के दौरान पार्टी की भीतरी फूट फिर से एक बार दुनिया के सामने आ गयी। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर चल रही चर्चा के दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अनिल शर्मा और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। दोनों ही नेता सोनिया गांधी के सामने एक-दूसरे से उलझ पड़े। जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव मई तक के लिए टाल दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान कांग्रेस पार्टी दो धड़ों में बंटी नजर आ रही थी। साथ ही बैठक में कई मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर अशोक गहलोत, आनंद शर्मा पर बुरी तरह भड़क गए। इस दौरान अशोक गहलोत ने कहा कि- आनंद शर्मा हर 6 महीने के अंतराल पर कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की मांग क्यों करते हैं? क्या उन्हें पार्टी आलाकमान की अगुवाई पर भरोसा नहीं है? बढ़ती गहमागहमी को देखते हुए अंबिका सोनी को बीच बचाव के लिए आगे आना पड़ा। उन्होंने दोनों को समझाते हुए ज्यादा भावुक ना होने की हिदायत दी।
बैठक के दौरान कार्यसमिति ने दो प्रस्ताव पारित किए। जिसके तहत कोरोना वैक्सीन के लिए वैज्ञानिकों को धन्यवाद ज्ञापन देना और लोगों से टीका लगवाने की अपील की जाने की बात कही गयी। दूसरे प्रस्ताव के तहत अब कांग्रेस अर्णब गोस्वामी व्हाट्सएप चैट लीक मामले (Arnab Goswami WhatsApp Chat Leaked Case) में जेपीसी की जांच की मांग करेगी
इस दौरान सोनिया गांधी ने अर्णव गोस्वामी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश भक्ति और राष्ट्रवाद का सर्टिफिकेट बांटने वाले लोग अब दुनिया के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। सरकार किसान संगठनों के साथ बातचीत करने को के मसले पर काफी असंवेदनशील और अमानवीय व्यवहार कर रही है। नये कृषि कानूनों पर संसद में सही तरीके से चर्चा नहीं हुई, इसे आनन-फानन में लागू कर दिया गया। जल्द ही संसद में बजट सत्र (Budget session) आरंभ होने जा रहा है। जनहित के कई मुद्दे लंबित पड़े हुए हैं, जिन पर चर्चा किये जाने की सख्त जरूरत है। सरकार केंद्र सरकार लगातार अर्थव्यवस्था को खोखला किए जा रही है। अंधाधुंध तरीके से निजीकरण की नीति को देशभर में लागू किया जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेता बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ राज्य में उप चुनावों में मिली बुरी हार के बाद पार्टी में सक्रिय अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार आवाज उठाते रहे हैं। सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आ रही है कि, अगर राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव खारिज करेंगे तो इस पद की जिम्मेदारी अशोक गहलोत को सौंपी जा सकती है। गहलोत लंबे समय से गांधी परिवार के बेहद करीबी और विश्वासपात्र लोगों में शुमार है।