एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन (Kisan Andolan) की आड़ में खालिस्तानी एजेंडा दुनिया के सामने जगजाहिर हो चुका है। कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बाद खालिस्तानी समर्थकों ने कृषि कानूनों के विरोध में इटली में जमकर प्रदर्शन किया। राजधानी रोम (Capital rome) की सड़कों पर आंदोलनकारियों ने जमकर बवाल काटा। नारेबाज़ी और हिंसक प्रदर्शन के बीच भारतीय दूतावास के सामने खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने भारत विरोधी नारे लगाए। साथ ही तोड़फोड़ की वारदात को भी अंजाम दिया।
इस मामले पर भारत ने इटली सरकार के सामने चिंता जाहिर करते हुए, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कानून संगत सख्त कार्रवाई की मांग की। भारतीय दूतावास और राजनयिक परिसर (Diplomatic premises) में काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर इटली सरकार ने आश्वासन दिया। आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को होने से रोकने की भी बात कही इतावली सरकार ने कही। अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसियों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा एकाएक भारतीय दूतावास के सामने इकट्ठा होने लगा। जिससे हालात बिगड़ने के आसार साफ दिखाई देने लगे।
इस प्रकरण के दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय दूतावास की इमारत पर खालिस्तानी झंडे लहराए और दूतावास की दीवार पर स्प्रे पेंट से खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखें। रोम की सड़कों पर हो रहे इस बवाल से, आम इतालवी नागरिक (Italian citizen) काफी हैरान दिखा। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है। इस बीच दूतावास की सुरक्षा को स्थानीय एजेंसियों ने चाकचौबंद कर दिया। साथ ही दूतावास परिसर की आंतरिक सुरक्षा के लिए भारत की ओर से तैनात सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला।
इस बीच वहां प्रदर्शन कर रहे खालिस्तानियों का बयान भी सामने आया उन्होंने कहा कि, हम इतालवी अधिकारियों के सामने लगातार अपनी चिंताओं को ज़ाहिर करते रहे हैं और हमने गणतंत्र दिवस के मद्देनजर हाल ही में ऐसा किया है। हम ये सब करके भारत सरकार के सामने अपनी आंशकायें और चिंताओं सामने रखना चाहते है। हाल ही में कुछ इसी तर्ज पर कृषि कानूनों के विरोध में खालिस्तानी समर्थकों ने वॉशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के सामने जोरदार प्रदर्शन किया था। कुल मिलाकर अब इस मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण (Internationalization of issue) करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। जिसके लिए दुनिया के अलग-अलग देशों में धरना प्रदर्शन और प्रोपेगेंडा मशीनरी का सहारा लिया जा रहा है।