Kisan Andolan Updates: राकेश टिकैत करेगें सड़क की खुदाई, सिंघू बॉर्डर पर हुई भिड़ंत

नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): राकेश टिकैत ने एक बार फिर से अपील करके गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को शुरू कर दिया है। कल रात तक वो आंदोलन वापिस लेने का पूरी तरह मन बना चुके थे। आज ही उन्हें समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने खुला समर्थन दिया। अब राकेश टिकैत नई जिद पकड़ चुके हैं। जिसके तहत अगर यूपी सरकार आंदोलनकारी किसानों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं करवाती है तो, वो अपने समर्थकों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर सड़क खोदकर बोरिंग कर पानी निकालेगें।

इसके साथ ही उन्होनें दिल्ली सरकार का पेयजल उपलब्ध करवाने के आश्वासन पर शुक्रिया अदा किया। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन और उत्तर प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम (Ultimatum) देते हुए उन्होंने कहा कि अगर 2 घंटे के भीतर आंदोलनकारी किसानों को पीने के लिए पानी उपलब्ध नहीं करवाया जाता है तो वो खुद की बोरिंग मशीन मंगवा कर सड़क पर खुदाई करवाएंगे। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर मारपीट का आरोप लगाते हुए उन्होंने आत्मसमर्पण करने से साफ इंकार कर दिया।

उन्होंने कहा कि मैं सरेंडर (surrender) करने वाला था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने आकर किसानों को मारने पीटने की बात की। किसानों को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा, क्योंकि किसान की पगड़ी और मान सम्मान की लड़ाई है। अगर हम अब हम आंदोलन खत्म कर देंगे तो 20 साल तक किसान आंदोलन नहीं कर पाएंगे। उन्होंने अपने प्रदर्शन को मान-सम्मान और हक़ की लड़ाई बताया। साथ ही कहा कि किसी भी किसान को इस मुहिम अकेला नहीं छोड़ा जायेगा। अगर ये आंदोलन यूंही समाप्त हो जाता है तो अगले 20 सालों तक किसान अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर नहीं उतर सकेगें।

केंद्र सरकार पर सीधा आरोप लगाते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि-सिख समुदाय को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। देशभर में पंचायतों का दौर जारी है। उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। हमने सरकार से वार्ता के लिए विकल्प खुले रखे हैं। हम अभी भी अपनी पुरानी मांगों पर कायम है। दिल्ली में हिंसा की निष्पक्ष तरीके से जांच होनी चाहिए। 26 जनवरी को जो कुछ भी हुआ हम उसकी भर्त्सना करते हैं।

सिंघू बॉर्डर पर हुई पत्थरबाज़ी और चली तलवारें

इस बीच सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों और स्थानीय लोगों की जमकर झड़प हुई। प्रदर्शन स्थल के आसपास के लोगों ने आरोप लगाया कि आंदोलन के कारण उनकी आवाजाही और कारोबार पर बुरा असर पड़ रहा है। इसलिए किसान रास्ता खाली करे। इसी मुद्दे को लेकर दोनों पक्ष के लोग आपस में भिड़ गये और जमकर पथराव हुआ। हालातों पर काबू पाने के लिए दिल्ली पुलिस को लाठीचार्ज (Lathicharge) और आंसू गैस के गोलों की मदद लेनी पड़ी।आंदोलनकारी किसानों ने पुलिस पर तलवार का इस्तेमाल किया। जिसकी वजह से अलीपुर थाने में तैनात एसएचओ प्रदीप कुमार अच्छी बुरी तरह घायल हो गए। उन पर तलवार से हमला किया गया। जिनकी हालत फिलहाल गंभीर बताई जा रही है।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More