न्यूज डेस्क (सुकीर्त श्रीमाली): अफ्रीका के कई देशों में काले जादू के लिए वुड्डू डॉल (Voodoo Doll) का इस्तेमाल किया जाता है। इस शक्तिशाली प्रक्रिया की मदद से सम्मोहन, ताड़न और उच्चाटन जैसी तांत्रिक क्रियाओं को अंज़ाम दिया जाता है। आम लोगों के लिए ये गुड़िया वाला जादू काफी रहस्यमय लगता है। खासतौर से पश्चिमी अफ्रीका में कई सालों से इसका इस्तेमाल होता आया। इसमें कपड़े या रूई में लिपटे कपड़े से साधारण चीज़ों की मदद से गुड़िया बनायी जाती है। जो कि किसी व्यक्ति विशेष का सांकेतिक प्रतिनिधित्व (Nominal representation) करती है। इस व्यक्ति की प्राण ऊर्जा का आवाह्न किया जाता है।
इस तांत्रिक क्रिया में मंत्रों का इस्तेमाल कर पुतले को जागृत किया जाता है। वुड्डू बनाने के लिए अफ्रीका में जानवरों को मारकर उनके खास अंगों का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे नाखून, जीभ, आंतड़ियों का रेशा और बाल। इसकी मदद से पूर्वजों की आत्माओं का आह्वान शरीर में कर, मनोवांछित कामों को पूरा करवाया जाता है। ये जादू एक तरह से बंच ऑफ एनर्जी के सिद्धांत (The Principles of bunch of energy) पर काम करता है। जिसका अर्थ है ऊर्जा के स्त्रोत का एक हिस्सा दूसरी जगह भेज कर उसे मनमाफिक काम लिया जा सके।
काले जादू की ये विधा साल 1847 में सामने आयी। कहा जाता है कि पेड़ से वुड्डू देवी का अवतरण हुआ। वो बेहद करूणामयी थी। अपने दैवीय प्रभाव से उसने कई लोगों के असाध्य रोग और परेशानियों को दूर किया। ये बात वहां के पादरी को रास नहीं आयी। वुड्डू देवी पर उसने ईशनिंदा (Blasphemy) का आरोप लगाया और जिस पेड़ से वो अवतरित हुई थी। उसे काट डालने के फरमान जारी कर दिये। पेड़ काटे जाने के बाद स्थानीय लोग उसे और पूजने लगे। कपड़े की मूर्तियां बनाकर उसकी साधना की जाने लगी। तभी से इस काले जादू की विधा का जन्म हुआ।
इस काले जादू को काफी शक्तिशाली ढंग से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी मदद से किसी को भी मानसिक शारीरिक और वित्तीय समस्याएं भी दी जा सकती है लेकिन इसे करने से बचना चाहिए। इस जादू को करने के लिए सबसे अहम है, जिस व्यक्ति पर इसे किया जाना है। उसकी अनुवांशिक चीज जैसे नाखून, बाल, खून या फिर अन्डरगारमेंट्स आपके पास होना चाहिए। इनके सम्पर्क में आते ही पुतले में व्यक्ति की प्राण ऊर्जा बहने लगती है। जिस पर आगे की क्रिया को अंज़ाम दिया जाता है।
बनाई गयी वुड्डू गुड़िया में व्यक्ति की प्रजनन, विवाह, भाग्य और समृद्धि संबंधी तरंगों काफी तेजी से गति करती है। इनमें अलग-अलग रंगों की पिन या सुई से छेद कर जादू की क्रिया को पूरा किया जाता है। सातों अलग-अलग रंग की सुईयां धंसाकर अलग-अलग भौतिक प्रभाव पैदा किये जा सकते है। इसे करते समय बेहद सावधानी और धैर्य की जरूरत होती है। साथ ही सुई या पिन धंसाते समय उस व्यक्ति पर पूरी तरह फोकस करे, जिस लेकर ये सब किया जा रहा हो। सिद्धि प्राप्त होने पर किसी फलदार वृक्ष के नीचे गुड़ियां को गाड़ देना चाहिए। अगर इस जादू का बुरे काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो जादू करने वाले पर कई तरह की अप्रत्याशित विपत्तियां (Unexpected calamities) आ सकती है।