नई दिल्ली (शौर्य यादव): अब्दुल कलाम रोड पर इस्राइली दूतावास के पास हुए बम ब्लास्ट (Israel Embassy Bomb Blast) में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को कई अहम सुराग मिले है। जिसमें कैब से उतरते दो संदिग्ध लोगों में वीडियो हासिल की गयी। जो कि दूतावास से कुछ दूरी पर उतरकर पैदल एंबेसी तक पहुँचते थे। बम गमले में प्लांट किया गया था। इसके साथ ही वहां से एक खत की भी बरामदगी की गयी है। इस हादसे में ज्यादा नुकसान नहीं पहुँचा है। सिर्फ तीन गड़ियों के शीशे टूट पाये गये। मौके पर दिल्ली पुलिस, एनआईए और सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाल लिया था।
मिल रही जानकारी के अनुसार दूतावास के सभी कर्मचारी सही सलामत है। घटना की जानकारी मिलते ही देर रात अमित अमित शाह की अगुवाई में खुफिया एजेंसियों और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें सुरक्षा हालातों की समीक्षा की गई। फिलहाल इजरायली एंबेसी के बाहर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम करते हुए, अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। साथ ही इजराइली दूत को पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन भी भारत सरकार की ओर से दिया गया है। इस वारदात के बाद कई स्तरों पर नई दिल्ली ने तेल अवीव (Tel Aviv) से संपर्क बनाए रखा।
भारत के सुरक्षा इंतजामों और आश्वासन से इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पूर्ण रूप से आश्वस्त दिखे। इन सबके बीच भारतीय विदेश मंत्री ने इजरायली विदेश मंत्री सिर्फ बातचीत कर जमीनी हालात के बारे में अवगत कराया। दूसरी ओर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत दोभल ने इस्राइली समकक्ष से बातचीत कर सुरक्षा का भरोसा दिया। भारत के इन कदमों और प्रयासों से इसराइल पूरी तरह संतुष्ट दिखा। अंदर खाने ये भी चर्चा गर्म है कि, इसराइल अपने स्तर पर इस मामले की जांच मोसाद या साइरत मेटकल (Sairat Metkal) से करवा सकता है। जिसकी कथित जवाबी कार्रवाई आने वाले दिनों में दिख सकती है।
सुरक्षा के बड़े उपाय सुनिश्चित करते हुए, नई दिल्ली, मुंबई और राजस्थान के सभी चाबाड हाउसेस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हिमाचल प्रदेश और ऋषिकेश में भी उन इलाकों में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गयी है। जहां अक्सर इस्राइली पर्यटक रहते है या उनका जमावड़ा लगता है। पहले भी कुछ इसी तर्ज पर ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स (Revolutionary Guards of Iran) से जुड़े लोगों ने नई दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास बड़ी वारदात को अंजाम देने की कोशिश की थी। माना जा रहा है कि इस घटना के तार ईरानी परमाणु वैज्ञानिक और सैन्य कमांडर की हत्या से जुड़े हुए है। जो कि ईरान की ज़वाबी कार्रवाई का हिस्सा है।