नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): ओवर द टॉप प्लेटफार्मों (OTT platforms) के बारे में लगातार मिल रही शिकायतों के मसले पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि- सरकार जल्द ही ओटीटी के लिए दिशानिर्देश तैयार कर उसे लागू करेगा। हमें इनसे जुड़ी काफी शिकायतें मिल रही है। ओटीटी प्लेटफार्मों पर रिलीज़ फिल्में एवं धारावाहिक और डिजिटल समाचार पत्र केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम या सेंसर बोर्ड के दायरे में नहीं आते हैं। ऐसे जल्द ही इनसे जुड़े नियमन दिशा-निर्देश (Regulation guidelines) तैयार किये जा सकते है।
बड़ी घोषणा करते हुए उन्होनें कहा कि, COVID से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 1 फरवरी से सिनेमा घर अपनी पूरी क्षमता के साथ खुलेगें। जिसके लिए आधिकारिक मंजूरी जारी की जा रही है। हाल ही में ओटीटी प्लेटफार्मों के कॉन्टैंट ने विवादों को हवा दी। जिससे लगातार आम लोगों में आक्रोश बढ़ा है। इसी के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश के लखनऊ, ग्रेटर नोएडा और शाहजहाँपुर में तीन एफआईआर दर्ज की गईं। मध्य प्रदेश में भी दो प्राथमिकी दर्ज की गईं। जबकि एक-एक प्राथमिकी कर्नाटक और बिहार में दर्ज की गई। ओटीटी पर प्रसारित कॉन्टैंट के बारे में एफआईआर के साथ ही कम से कम तीन और अपराधिक शिकायतें (Criminal Complaint) महाराष्ट्र, दिल्ली और चंडीगढ़ में लंबित हैं।
वेबसीरीज़ तांडव में प्रधान मंत्री का किरदार निभाने वाले अभिनेता द्वारा कथित तौर पर सीरीज़ में उत्तर प्रदेश पुलिस और देवी-देवताओं को गलत तरीके से दिखाये जाने का मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में निर्देशक अली अब्बास ज़फर, निर्माता हिमांशु मेहरा, लेखक गौरव सोलंकी, और पुरोहित को ट्रांजिट प्री-अरेस्ट ज़मानत दी गयी। इसी मुद्दे से जुड़ा एक और मामला लखनऊ में दर्ज किया गया। सूचना प्रसारण मंत्री के इस ऐलान के बाद सभी ओवर द टॉप प्लेटफार्म कानूनी दायरे में आ जाएंगे। अब उन्हें सरकारी प्रमाणन (Government certification) की जरूरत होगी। जिसके बगैर वो अपना ऑडियो-विजुअल कॉन्टेंट ओटीटी पर नहीं डाल सकेगें।